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छत्तीसगढ़ का पहला जांबाज पुलिस अधिकारी जिसे चौथी बार मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार

छत्तीसगढ़ का पहला जांबाज पुलिस अधिकारी जिसे चौथी बार मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार

नक्सलियों (Naxals) के दांत खट्टे करने वाले छत्तीसगढ़ पुलिस के बहादुर जवान लक्ष्मण केवट को चौथी बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बता दें लक्ष्मण केवट को पहले भी तीन बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। लक्ष्मण केवट फिलहाल राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित गातापार थाने में तैनात हैं।

छत्तीसगढ़ का पहला जांबाज पुलिस अधिकारी जिसे चौथी बार मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार।

नक्सलियों (Naxals) के दांत खट्टे करने वाले छत्तीसगढ़ पुलिस के बहादुर जवान लक्ष्मण केवट को चौथी बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बता दें लक्ष्मण केवट को पहले भी तीन बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। लक्ष्मण केवट फिलहाल राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित गातापार थाने में तैनात हैं। लक्ष्मण केंवट की पहचान छत्तीसगढ़ में सबसे सफल नक्सल ऑपरेशन चलाने वाले पुलिस अधिकारी के रूप में बन चुकी है।

वे अभी तक 100 से अधिक नक्सल ऑपरेशन का नेतृत्व कर चुके हैं। इसमें 25 मुठभेड़ में उन्हें पूरी तरह सफलता मिली है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि लक्ष्मण केंवट ने अकेले ही अब तक 41 नक्सलियों (Naxals) को मुठभेड़ में मार गिराया है। इसमें अकेले 6 मुठभेड़ राजनांदगांव में हुई थी, जहां वे 13 नक्सलियों को मार चुके हैं। गौरतलब है की वर्तमान में लक्ष्मण केंवट राजनांदगांव जिले के गातापारा थाना प्रभारी हैं।

34 साल के लक्ष्मण की पहचान आज छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxals) के एनकांउटर विशेषज्ञ की बन चुकी है। वे बहादुरी के साथ नक्सल मोर्चे पर लड़ते हैं। यही वजह है कि उन्हें चौथी बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है। वे छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे पुलिस अधिकारी बन गए हैं, जिन्हें चार बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार मिल रहा है। इसके पहले 2016, 2017, 2018 में उन्हें यह सम्मान मिल चुका है। लक्ष्मण के पिता रामाश्रय केंवट कोल इंडिया बिलासपुर में कतार्यरत हैं और मां कलावती देवी गृहिणी हैं। 

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