शहीद कैप्टन अमोल कालिया (Captain Amol Kalia) की बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है। वह सेना के उन वीर सपूतों में से एक हैं जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। भारत मां की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहूति दे दी।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान कैप्टन अमोल कालिया (Captain Amol Kalia) ने बेहद ही शानदार प्रदर्शन किया था। युद्ध में कालिया ने शहीद होने से पहले चौकी नंबर 5203 पर तिरंगा लहराया था। दुश्मनों के खिलाफ बेहद ही आक्रमकता के साथ इस पोस्ट पर कब्जा किया गया था। इसमें कालिया की भी अहम भूमिका रही थी।
जिस वक्त वह शहीद हुए उनकी शादी की बात चल रही थी। उनका परिवार लड़की देख चुका था और रिश्ता भी तय हो गया था। सिर्फ डेट तय करना बाकी रह गया था। बेटा युद्ध में था, तो डेट युद्ध के बाद ही निकाली जा रही थी।
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उनकी शादी से जुड़ी यह बात परिवार को युद्ध के दौरान लिखे एक खत के जरिए सामने आई थी। उन्होंने इस खत में लिखा था, “पापा जून के अंत में आ रहा हूं, आप शादी की तारीख तय कर लेना। यहां सब ठीक है, बस दूसरी तरफ से घुसपैठ चल रही है, उसे जल्द निपटा लेंगे।”
कैप्टन अमोल कालिया (Captain Amol Kalia) का जन्म 26 फरवरी, 1978 को नंगल में हुआ था। उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद 1991 में उनका सेलेक्शन नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के लिए हो गया था। कालिया मूल रूप से हिमाचल के चिंतपूर्णी के रहने वाले थे।
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युद्ध में पाक आतंकियों को खदेड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए शहीद कैप्टन अमोल कालिया की बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है। वह सेना के उन वीर सपूतों में से एक हैं जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। भारत मां की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहूति दे दी। कैप्टन अमोल कालिया को मरणोपरांत ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।