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1962 का युद्ध: अक्साई चीन पर ड्रैगन ने कर लिया था कब्जा, जानें दोनों देशों के बीच किन जगहों पर है सीमा विवाद

फाइल फोटो।

India China Border Tension: हिमालय में करीब 14,000 फुट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग त्सो झील को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद है। 

भारत और चीन (China) के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना को हार का सामना करना पड़ा था। हमेशा से विस्तारवादी नीति पर काम करने वाला चीन उस दौरान भी भारत के कब्जे वाले इलाकों को हड़पना चाहता था, जिसमें वह कामयाब भी हुआ। इस युद्ध में भारत की शर्मनाक हार हुई थी। भारत की करीब 43 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर चीन ने कब्जा कर लिया था।

युद्ध में जीत के साथ ही चीन ने अक्साई चीन पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से अबतक यह इलाका चीन के नियंत्रण में ही है। पश्चिमी सेक्टर में अक्साई चीन पर कब्जा करके बैठा चीन पूर्वी सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश पर भी अपना दावा करता है। मैकमोहन रेखा को न मानने वाला चीन कहता है कि ये दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है।

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हिमालय में करीब 14,000 फुट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग त्सो झील को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद है। ये नदी सामरिक रूप से दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि विवादित हिस्से में कई बार दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़पें हो जाती हैं।

लद्दाख और अक्साई चीन के बीच भारत-चीन सीमा के पास मौजूद गलवान घाटी को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद है। यहां भी सीमा विवाद के चलते दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी होती आई हैं।

सिक्किम बॉर्डर के नजदीक पड़ने वाले एक ट्राई-जंक्शन प्वाइंट पठारी क्षेत्र डोकलाम को लेकर भी चीन अपना दावा करता है। यहां भी दोनों देशों की सेनाएं कई मौकों पर आमने-सामने आ चुकी हैं। इनके अलावा तवांग और नाथूला को लेकर भी दोनों देशों में मतभेद हैं।