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नक्सलवाद को खत्म करने के मुद्दे पर क्या बोले CRPF के डीजी डॉक्टर एपी माहेश्वरी? देखें EXCLUSIVE INTERVIEW

डॉक्टर ए. पी. माहेश्वरी से 'सिर्फ सच' के एडिटर इन चीफ संजीव श्रीवास्तव ने खास बातचीत की।

डॉक्टर माहेश्वरी (Dr AP Maheshwari) ने कहा कि CRPF, नक्सलवाद के खिलाफ जंग में जुटी है और हर तरह की समस्या से निपटने में सक्षम है। सीआरपीएफ के जवान स्थानीय लोगों को साथ लेकर चलते हैं और स्थानीय सहयोग के चलते चुनौती आसान हो जाती है।

नई दिल्ली: CRPF के महानिदेशक डॉक्टर ए. पी. माहेश्वरी (Dr AP Maheshwari) ने sirfsach.in को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है। डॉक्टर ए. पी. माहेश्वरी ने ‘सिर्फ सच’ के एडिटर इन चीफ संजीव श्रीवास्तव से खास बातचीत की।

इस दौरान डॉक्टर माहेश्वरी ने नक्सलवाद की समस्या पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब वो दिन दूर नहीं है, जब नक्सलियों का नाम लेने वाला भी कोई नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि वो एक ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं, जिससे जल्द ही छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का सफाया हो जाएगा।

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डॉक्टर माहेश्वरी ने कहा कि CRPF, नक्सलवाद के खिलाफ जंग में जुटी है और हर तरह की समस्या से निपटने में सक्षम है। सीआरपीएफ के जवान स्थानीय लोगों को साथ लेकर चलते हैं और स्थानीय सहयोग के चलते चुनौती आसान हो जाती है।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अलग तरह की समस्याएं सामने आती हैं, नॉर्थ ईस्ट में अलग तरह का नैरेटिव है। नक्सलवाद को लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके की मुश्किलें हैं। हालांकि सीआरपीएफ किसी भी समस्या को चुनौती नहीं मानती।

यहां देखें CRPF के डीजी डॉक्टर ए. पी. माहेश्वरी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू-  

डॉक्टर माहेश्वरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब भी नक्सलवाद की जड़ें मजबूत हैं क्योंकि नक्सली War of Perception में माहिर हैं। वह स्थानीय लोगों को बरगलाकर अपने साथ जोड़ते हैं। जिन इलाकों में विकास नहीं हुआ है, वहां नक्सली ज्यादा मजबूत हैं।

डॉक्टर माहेश्वरी ने बताया कि नक्सली दुरूह इलाकों में छिपकर रहते हैं और स्थानीय आदिवासियों का शोषण करते हैं। वह आदिवासियों को अपनी ढाल बनाते हैं और उन्हीं से आईईडी बनवाते हैं।

नक्सलवाद के पूरी तरह खत्म होने के सवाल पर डॉक्टर माहेश्वरी ने कहा कि इसमें थोड़ा समय लगेगा, लेकिन ये समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में धीरे-धीरे नक्सलवाद की जड़ें कमजोर हो रही हैं । बीते कुछ सालों में नक्सलियों का दायरा लगातार घटा है। 80 फीसदी से ज्यादा इलाकों से उनकी जड़ें उखड़ चुकी हैं। अब सिर्फ 20 फीसदी इलाकों में नक्सली बचे हैं।