नक्सलवाद (Naxalism) का सफाया करने के लिए सरकार, प्रशासन और सुरक्षाबल सभी अपनी तरफ से पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। नक्सलियों के धर-पकड़ के साथ-साथ उनका आत्मसमर्पण भी जारी है।
छत्तीसगढ़ में पिछले सात सालों में 332 नक्सलियों ने पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। अब सरकार और प्रशासन, समर्पण नीति को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही पूर्व नक्सलियों को सरकारी नौकरी के साथ-साथ आवास देने की तैयारी कर रहा है। आत्मसमर्पित नक्सली अब आरक्षक बन नक्सलियों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई में भाग लेंगे। साथ ही उन्हें रहने के लिए नया मकान भी मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में जल्द ही 210 पूर्व नक्सलियों को पुलिस विभाग का नियुक्ति-पत्र सौंपा जाएगा। जो नक्सली कभी शासन-व्यवस्था के खिलाफ हथियार उठाते थे, अब वही सरकारी बंदूक लेकर नक्सलियों से लोहा लेंगे। जिले के इन आत्मसमर्पित नक्सलियों में जनमिलिशिया मेंबर से लेकर हार्डकोर नक्सली भी शामिल हैं। जिलाधिकारी नीलकंठ टीकाम ने कहा कि पुलिस विभाग के साथ मिलकर हम समर्पण कर चुके नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं। नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत दी जाने वाली राशि 50 हजार से 2 लाख रुपए तक की होगी।
332 नक्सलियों के बीच 2 करोड़ से अधिक राशि वितरित की जाएगी। उनके परिवारों के लिये राशन कार्ड, मकान और हेल्थ कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। राज्य में 332 पूर्व नक्सलियों के परिवारों के लिए यह योजना कोंडागांव जिले से शुरू हो रही है। अधिकारियों के अनुसार, कुछ दिनों में ही पुलिस विभाग में इनकी भर्ती शुरू की जाएगी। एसपी सुजीत कुमार ने कहा कि हमने 332 समर्पित नक्सलियों के लिए यह योजना बनाई है। उन्हें समर्पण के बाद मिलने वाली रकम जल्द ही दे दी जाएगी। उम्मीद है कि राज्य सरकार और प्रशासन के इस कदम से प्रदेश में नक्सलवाद के खात्मे में मदद मिलेगी।
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