नक्सल प्रभावित बस्तर के आश्रम और छात्रावासों में बच्चों के अंदर देश-प्रेम का जज्बा भरने के लिए पुलिस जन-जागरूकता अभियान चला रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को पुलिस तिरंगे का महत्व बता रही है। इन बच्चों को पुलिस यह समझाने के लिए प्रयासरत है कि नक्सली सभ्य समाज के खलनायक हैं। वे देश और समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। 14 जुलाई को नक्सल प्रभावित बस्तर के कुकानार के बालक छात्रावास में पहुंच कर थाना के सब इंस्पेक्टर नितेश सिंह ने नक्सल प्रभावित गांवों कुन्ना, डोलेरास, फन्दीवार, धनिकोड़ता, कुन्दनपाल, जंगमपाल के बच्चों को तिरंगे का महत्व बताते हुए उन्हें सही रास्ते पर चलकर पुलिस, शिक्षक, कलेक्टर, डॉक्टर, पत्रकार बन देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने बच्चों से कहा कि उन्हें हीरो बनना है। उन्हें नक्सलवाद जैसे समाज के कोढ़ से दूर रहना है। उन्होंने बच्चों को बताया कि नक्सली किस तरह हमारा नुकसान करते हैं और किस तरह वे विकास के सबसे बड़े बाधक हैं। उन्होंने बच्चों को बहुत ही मनोरंजक तरीके से समझाया कि जो समाज का शिक्षित, सभ्य और देश की सेवा करने वाला वर्ग है वो हीरो है। गलत कार्य करने वाले लोग और नक्सली समाज में खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं। आप लोगों को हीरो बनाने के लिए शिक्षित होना जरूरी है। आपको हीरो बनना है न कि खलनायक।
बच्चे भी पुलिस के इस तरह के अपनेपन वाले व्यवहार से बहुत खुश नजर आ रहे थे। गौरतलब है कि इन दिनों कुकानार थाना प्रभारी संजय सिंह के नेतृत्व में पुलिस लगातार स्कूलों में आश्रम, छात्रावासों और गांव-गांव में बाल-अपराध तथा बाल-अधिकार के संबंध में लगातार बैठकें कर रही है और जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर एक जन-जागरूकता अभियान चला रही है। पुलिस के इस अभियान को ग्रामीणों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है।
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