छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) में जिला पुलिस बल ने नवीन पुलिस कैंप कटेकल्याण में शहीद कैलाश नेताम की याद में जिला स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की। इस प्रतियोगिता के दौरान राज्य की आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
Dantewada पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कटेकल्याण एरिया कमिटी सदस्य एवं पेद्दारास एलओएस कमांडर हड़मा मंडावी उर्फ हरिराम उर्फ मिड़कोम उर्फ राजू और कटेकल्याण एरिया कमिटी सदस्य एवं कटेकल्याण एरिया जनमिलिशिया कमांडर माड़ा मड़कामी उर्फ हड़मा शामिल हैं। ये दोनों नक्सली कटेकल्याण के ही रहने वाले हैं। इन दोनों ने नक्सली संगठन के नेताओं की प्रताड़ना और संगठन की खोखली विचारधारा से आजिज आकर Dantewada के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। जानकारी के मुताबिक, हड़मा मंडावी को साल 2010 में कटेकल्याण एरिया कमिटी के तब के एलओएस कमांडर सुखराम कोवासी ने नक्सली संगठन में भर्ती कराया था।
इस दौरान उसे संगठन में कई बार प्रमोशन भी दिया गया। पुलिस के बढ़ते दबिश की वजह से नवंबर, 2014 में कटेकल्याण एरिया कमिटी के डूमाम एलओएस सदस्य के रूप में भर्ती हो गया। साल 2018 में उसे एसीएम पद पर प्रमोट कर के पेद्दारास एलओएस कमांडर बनाया गया। संगठन में रहते हुए वह इंसास रायफल रखता था। संगठन में रहते हुए वह पुलिस पर हमला करने, माइंस ब्लास्ट करने, ग्रामीणों की हत्या करने सहित कई नक्सली वारदातों में शामिल था। वहीं, माड़ा मड़कामी को साल 2008 में कटेकल्याण एरिया कमिटी सदस्य और एलजीएस कमांडर गंगा ने नक्सली संगठन में शामिल कराया था।
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साल 2009 में वह बड़े नक्सली नेता रघु रेड्डी का गन मैन बना। इसके बाद साल 2011 में प्रमोशन दे कर कटेकल्याण एरिया कमिटी कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई। वह जनमिलिशिया सदस्यों को गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण देता था। वह साल 2015 में सुरक्षाबलों के वाहन को निशाना बनाकर विस्फोट करने की घटना में शामिल था। इस नक्सली हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे, साथ ही एक आम नागरिक भी मारा गया था।
इसके अलावा कुआकोंडा में एंबुश लगाकर पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर हथियार लूटने की घटना में भी वह शामिल था। इस हमले में कुआकोंडा के थाना प्रभारी सहित 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इन दोनों नक्सलियों पर राज्य सरकार की ओर से 5-5 लाख का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने पर इन दोनों नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत सभी सुविधाएं दी जाएंगी। फिलहाल दोनों को प्रोत्साहन के रूप में 10-10 हजार रूपए की नगद राशि प्रशासन की ओर से दी गई।
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