बिहार चुनाव (Bihar Elections) से पहले खुफिया अधिकारियों ने एक रिपोर्ट में ये आशंका जताई थी कि नक्सली चुनावों के दौरान हमला कर सकते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पुलिस के बड़े अधिकारी, मतदानकर्मी, अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियां नक्सलियों के निशाने पर हैं।
बिहार के चुनावों (Bihar Elections) में नक्सली हिंसा को रोकने के लिए एक खास रणनीति बनाई गई है। इस रणनीति के तहत कोबरा बटालियन नक्सलियों पर नकेल कसेगी। बांका, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, सजौर, पीरपैंती और भागलपुर में प्रशासन इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर है।
दरअसल चुनावों के दौरान नक्सली, मतदानकर्मियों और सुरक्षाबलों पर हमले की फिराक में रहते हैं। लेकिन इस बार नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कोबरा बटालियन को लगाया जाएगा। कोबरा बटालियन के आने से सुरक्षा की अतिरिक्त गारंटी रहेगी।
बता दें कि बिहार चुनाव से पहले खुफिया अधिकारियों ने एक रिपोर्ट में ये आशंका जताई थी कि नक्सली चुनावों के दौरान हमला कर सकते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पुलिस के बड़े अधिकारी, मतदानकर्मी, अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियां नक्सलियों के निशाने पर हैं।
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रिपोर्ट में नक्सलियों के बिहार के कई इलाकों में आने-जाने की भी बात कही गई थी। इसके अलावा जंगल में भी नक्सलियों की सक्रियता बढ़ गई थी। इस खुफिया जानकारी के बाद से पुलिस मुख्यालय सतर्क हो गया था।
बता दें कि कोबरा बटालियन के जवान आसानी से जमीन के नीचे छिपे बम खोज लेते हैं और फौरन उसे डिफ्यूज करने में माहिर होते हैं। 12 दिनों तक बिना खाना और पानी के इन जवानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। ये जंगलों और पहाड़ों में आसानी से मीलों पैदल चलते हैं।
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