छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा में 32 नक्सलियों ने पुलिस के सामने सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण किया है। दंतेवाड़ा पुलिस के अनुसार सरेंडर करने वालों में से चार नक्सली के उपर कुल चार लाख रुपए का ईनाम था। दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक पल्लव के मुताबिक (Naxali), 10 महिलाओं समेत 22 अन्य नक्सलियों ने बरसूर पुलिस थाने में यह कहते हुए सरेंडर किया कि वो जिला पुलिस के पुनर्वास अभियान लोन वर्राटू से प्रभावित हैं और ‘खोखले’ माओवादी विचाराधारा से निराश हो चुके हैं।
जम्मू कश्मीर: आतंक की राह छोड़ने वाले तनवीर की मौत, बौखलाए आतंकियों का हुआ शिकार
दंतेवाड़ा एसपी पल्लव के अनुसार, सरेंडर करने वाले 32 नक्सलियों (Naxali) में से 19 बकेली गांव के रहने वाले हैं। जबकि चार कोरकोट्टी और उदेनार, टुमारीगुंडा और मतासी गांव के तीन-तीन नक्सली हैं। एसपी ने कहा कि इन सभी नक्सलियों (Naxali) पर पुलिस टीमों पर हमला करने, चुनाव अधिकारियों पर हमला करने और बारूदी सुरंग विस्फोट का आरोप है। एसपी पल्लव के अनुसार, इनमें से चार के सर पर एक-एक लाख रुपए का ईनाम था।
नक्सलियों (Naxali) को मुख्य धारा से जोड़ने की पहल
पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों (Naxali) की पहचान सार्वजनिक नहीं की है। इस सामुहिक समर्पण के मौके पर दंतेवाड़ा पुलिस ने सभी नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए भेंट स्वरूप क्रिकेट बैट-बॉल, छाता और कलश देकर हौसलाअफजाई किया। साथ में इनको खेती के लिए भूमि का भी आवंटन किया जिससे कि ये सभी अपनी जीविकोपार्जन आसानी से कर सकें। ये नक्सली दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन, क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन, चेतना नाट्य मंडली (माओवादियों की सांस्कृतिक शाखा) और जनताना सरकार समूह से जुड़े रहे हैं।