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शहीद सशस्त्र और अर्धसैनिक बलों के जवानों के बच्चों को 10वीं-12वीं परीक्षा में ढ़ील
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जिन छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा छूट जाती है उन्हें 2 अप्रैल 2020 तक मिलेगा मौका
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यदि किसी अन्य शहर में परीक्षा केंद्र चाहते हैं‚ तो उसके लिए भी होगी अनुमति
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आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष के दौरान शहीद जवानों के बच्चों को मिलेगी ढ़ील
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पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद CBSE ने लिया शहीदों के बच्चों को ढ़ील देने का निर्णय
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ (CBSE) ने आतंकवाद एवं नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में शहीद हो गए सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के जवानों के बच्चों के लिए कक्षा दसवीं और बारहवीं की बोर्ड़ परीक्षाओं के वास्ते नियमों में ढ़ील देने का निर्णय लिया है।
परीक्षा नियंत्रक श्याम भारद्वाज ने कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद CBSE 2019 में सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के शहीद जवानों के बच्चों को कुछ छूट देने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा‚ 2020 में CBSE ने सशस्त्रबलों और अर्धसैनिक बलों के जवानों‚ जो देश में आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और ड्यूटी के दौरान शहीद हो जाते हैं‚ के बच्चों के लिए नियमों में ढ़ील देने का फैसला किया है।’
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श्याम भारद्वाज ने कहा‚ ‘2020 में कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा देने जा रहे ये बच्चे यदि उसी शहर में अपना परीक्षा केंद्र बदलवाना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने की इजाजत होगी। यदि वे किसी अन्य शहर में परीक्षा केंद्र चाहते हैं‚ तो उसके लिए भी अनुमति होगी’। बोर्ड़ ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि ऐसे विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल परीक्षा छूट जाती है तो उन्हें 2 अप्रैल‚ 2020 तक उनकी सुविधा के हिसाब से यह परीक्षा ले ली जाएगी। भारद्वाज ने कहा‚ ‘अभ्यर्थियों को इसके लिए अपने विद्यालय से अनुरोध करना होगा जो उसे संबंधित CBSE क्षेत्रीय कार्यालय को भेजेगा।’