तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद वहां बॉलीवुड (Bollywood) के लिए रास्ते भी बंद हो गए हैं। 1990 के दशक की शुरुआत तक अफगानिस्तान बॉलीवुड फिल्मों के पसंदीदा लोकेशंन्स में से एक था।
बॉलीवुड (Bollywood) फिल्मों में अफगानिस्तान (Afghanistan) अक्सर देखने को मिला है। ‘खुदा गवाह’, ‘धर्मात्मा’ ‘काबुलीवाला’ जैसी कई ऐसी फिल्में हैं जिनमें अफगानिस्तान का झलक देखेने को मिलती है। 1990 के दशक की शुरुआत तक अफगानिस्तान बॉलीवुड फिल्मों के पसंदीदा लोकेशंन्स में से एक था। लेकिन अब तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद वहां बॉलीवुड के लिए रास्ते भी बंद से हो गए हैं।
हालांकि, तालिबान (Taliban) ने इस बार खुद को एक उदारवादी नजरिए वाला बताया है। एक न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन (Suhail Shaheen) ने कहा कि संबंधों की सांस्कृतिक बहाली ‘एक्शन और पॉलिसी’ पर निर्भर करेगी।
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अफगानिस्तान में फिर से फिल्मों की शूटिंग के सवाल पर शाहीन ने कहा, “इसकी बातें हम आने वाले कल में करेंगे। अभी इस पर मैं कोई कमेंट नहीं कर सकता हूं। अभी जो महत्वपूर्ण है वह अफगानिस्तान की शांति और स्थिरता है। हमें एक नए अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता की जरूरत है। यह हमारी प्राथमिकता है और बाकी सब कुछ मैं भविष्य के लिए छोड़ता हूं।”
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सुहैल शाहीन (Suhail Shaheen) ने कहा, “मुझे लगता है कि यह आपकी एक्शन और आपकी नीति पर निर्भर करता है। चाहे आप अफगानिस्तान के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति अपनाएं या अफगानिस्तान के लोगों के साथ बेहतर संबंध बनाएं। अगर यह पॉजिटिव अप्रोच के साथ आते हैं तो हमारे लोग भी आपके साथ वैसे ही बर्ताव करेंगे। भारत द्वारा बनाया गया बांध हो या अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए अन्य परियोजनाएं, हम उसका स्वागत करेंगे।”