पाकिस्तान (Pakistan) के पेशावर (Peshawar) शहर के किस्सा ख्वानी बाजार इलाके में जन्में दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ऊर्फ युसूफ खान के दिल में पाकिस्तान का यह शहर बसता था।
बॉलीवुड (Bollywood) के सुपरस्टार और ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने 7 जुलाई को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके जाने के बाद भारत ही नहीं पाकिस्तान (Pakistan) में भी गम का माहौल है। बता दें कि दिलीप कुमार का जन्म पाकिस्तान के पेशावर (Peshawar) में हुआ था। उनका असली नाम मुहम्मद युसुफ खान था।
पेशावर शहर के किस्सा ख्वानी बाजार इलाके में जन्में दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ऊर्फ युसूफ खान के दिल में पाकिस्तान का यह शहर बसता था। फिल्म इंडस्ट्री सहित पूरा देश दिलीप साहब को श्रद्धांजलि दे रहा है। वहीं, दिलीप कुमार के पेशावर के पुश्तैनी घर के बाहर भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और नमाज अदा की गई।
पेशावर में उनके फैंस और रिश्तेदारों ने दिलीप साहब के लिए गायबाना नमाज-ए-जनाजा (अंतिम संस्कार में होनी वाली नमाज) पढ़ी। साथ ही मोमबत्तियां जलाकर उन्हें विदाई दी। पाकिस्तान के ख्वानी बाजार क्षेत्र में स्थित दिलीप कुमार का ये घर 100 साल से भी अधिक पुराना है। दिलीप कुमार के पिता एक कारोबारी थे उन्होंने ही इस घर बनवाया था।
इसी घर में दिलीप कुमार का बचपन बीता था। इस घर से दिलीप कुमार की बहुत सारी यादें जुड़ी थी जिसके बारे में खुद उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘द सबस्टांस एंड द शैडो’ में जिक्र किया था। दिलीप कुमार ने खुद कहा था कि इस घर में उनकी वो यादें जुड़ी हुईं हैं जिन्हें वो हमेशा याद रखेंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी दिलीप कुमार के निधन पर दुख जताया था। इमरान ने ट्वीट कर लिखा, “दिलीप कुमार के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ।मैं उनकी दरियादिली को नहीं भूल सकता। वह मेरी पीढ़ी के सबसे महान और बहुमुखी एक्टर
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बता दें कि 1998 में पाकिस्तान की सरकार ने दिलीप कुमार को निशान-ए-इम्तियाज पुरस्कार से सम्मानित किया था। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। वहीं, साल 2014 में नवाज शरीफ सरकार ने दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया था। अब दिलीप कुमार के इस पुश्तैनी घर को संग्राहालय बनाया जा रहा है।