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बॉलीवुड एक्ट्रेस और BJP सांसद किरण खेर को हुआ ब्लड कैंसर, मुंबई में चल रहा इलाज

Kirron Kher

किरण खेर (Kirron Kher) को ब्लड कैंसर (Blood Cancer) हो गया है। मुंबई में उनका इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार, किरण खेर मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित हैं।

बॉलीवुड एक्ट्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर (Kirron Kher) को ब्लड कैंसर (Blood Cancer) हो गया है। मुंबई में उनका इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार, किरण खेर मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित हैं जो ब्लड कैंसर का एक प्रकार है।

31 मार्च को चंडीगढ़ के भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने विशेष रूप से बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सांसद किरण खेर (Kirron Kher) मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित हैं। 11 नवंबर, 2020 को उनके बाएं हाथ में फ्रैक्चर आ गया, जिसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ में इलाज कराया। जांच हुई तो पता चला कि उन्हें मल्टीपल मायलोमा है।

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इसके बाद वह इलाज के लिए चार दिसंबर को मुंबई चली गईं। वहां अब उन्हें हफ्ते में एक रात अस्पताल में बितानी पड़ती है। इसके अलावा रेगुलर जांच के लिए भी अस्पताल जाना पड़ता है। सूद ने ये भी कहा कि लेटेस्ट टेस्ट में पता चला है कि बीमारी उनके हाथ और कंधे से अब खत्म हो रही है।

सूद ने ये भी कहा, “भले ही वह अपने चार महीने के इलाज के बाद ठीक हो रही है और अब मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती भी नहीं हैं लेकिन उन्हें नियमित रूप से ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल जाना पड़ेगा।”

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बता दें कि मल्टीपल मायलोमा ब्लड कैंसर का ही एक प्रकार है। इस बीमारी में खून में व्हाइट बल्ड सैल संबंधी दिक्कत आती है। इसमें कैंसर कोशिकाएं बोन मैरो में जमा होने लगती है और तंदुरुस्त कोशिकाएं को प्रभावित करती है। मल्टीपल मायलोमा दुनिया के सभी प्रकार के ब्लड कैंसर में से दूसरे नंबर पर है।

कुछ समय पहले तक इसे लाइलाज माना जाता था। अब इसका इलाज संभव है। यह कैंसर रोग प्रतिरोधक प्रणाली को प्रभावित करता है इसलिए इसके लक्षण भी बहुत सारे होते हैं। कुछ साल पहले मॉडल और अभिनेत्री लीजा रे भी इसी बीमारी से पीड़ित हुई थी। आमतौर पर यह बीमारी 50 साल के बाद ही होती है, लेकिन कई बार इससे कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। 

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इस बीमारी में गुर्दे/किडनी के रोगों की आशंका बढ़ जाती है, क्योंकि ये कैंसर कोशिकाएं असामान्य प्रोटीन पैदा करती हैं।  ये बीमारी महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है। इसमें सबसे ज्यादा प्रभाव बोन मैरो पर पड़ता है। ऐसे में इसकी पहचान के लिए बोन मैरो, खून, लीवर और गुर्दे की जांच करवाई जाती है। हड्डियों में लगातार दर्द इसका एक प्रमुख लक्षण है।

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गौरतलब है कि पार्टी ने विपक्ष द्वारा सवाल उठाने के बाद किरण खेर (Kirron Kher) को लेकर हेल्थ अपडेट दिया है। किरण खेर लंबे समय से चंडीगढ़ में नहीं थीं। ऐसे में विपक्ष की ओर से उनपर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे।