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अभिनंदन के खून में ही है शौर्य, पत्नी भी रह चुकी हैं वायुसेना की ऑफिसर

अभिनंदन भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन 2004 में कमीशन्ड हुए थे। अभिनंदन ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर 2004 में वायु सेना ज्वॉइन की थी। उनके पिता और पत्नी वायुसेना से रिटायर हो चुके हैं। उनके पिता सिमकुट्टी वर्तमान वायु सेना में फाइटर पायलट रहे हैं और उनके भाई भी एयरफोर्स में ही हैं। अभिनंदन (Wing Commander Abhinandan) की पत्नी तन्वी मारवाह स्क्वाड्रन लीडर के पद से रिटायर हो चुकी हैं। 

अभिनंदन के पिता एस वर्तमान चेन्नई में रहते हैं। उनके पिता एस वर्तमान 1973 में फाइटर पायलट बने थे। वायुसेना के पूर्वी कमान के एयर मार्शल रहे सिमकुट्टी वर्तमान उन चुनिंदा पायलटों में से हैं जिन्होंने 40 तरह के विमानों को उड़ाया है।

उन्हें 4000 घंटे से ज्यादा की उड़ान का अनुभव है। वे करगिल युद्ध के दौरान मिराज स्क्वाड्रन के चीफ ऑपरेशन्स ऑफिसर थे। जिस मिराज ने पाक में हमला किया, उसके अपग्रेडेशेन में अभिनंदन के पिता भी शामिल थे। वे बंगलूरू स्थित वायुसेना के एलीट एयरक्राफ्ट सिस्टम एवं टेस्टिम इस्टेबलिशमेंट के चीफ टेस्ट पायलट रहे हैं।

अभिनंदन के पिता ने मणिरत्नम की फिल्म ‘कातरू वेलियिदाई’ के निर्माण में भी मदद की थी। इस फिल्म की कहानी भी वायु सेना के एक पायलट की पाकिस्तान में गिरफ्तारी पर आधारित थी। एस वर्तमान ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा पाकिस्तान में फंस जाएगा।

अभिनंदन आज जिस स्थिति में फंसे हैं, ऐसी ही स्थिति का सामना उनके पिता फिल्मी पर्दे पर कर चुके हैं। दक्षिण फिल्मों के दिग्गज निर्देशक मणिरत्नम की 2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘कातरु वेलियिदाई’ में एयर फोर्स की कहानी थी।

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इसमें वरुण चक्रपाणी 1999 करगिल युद्ध के दौरान दुश्मन देश की सीमा में घुस जाते हैं। उनका फाइटर जेट तबाह हो जाता है और उन्हें रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना पकड़ लेती है। बंदी के रूप में उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। पाकिस्तान हिरासत में वरुण अपने परिवारवालों को याद करते हैं।

खास बात ये है कि अभिनंदन के पिता ने इस फिल्म के लिए मणिरत्नम के सलाहकार की भूमिका निभाई थी। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन (Wing Commander Abhinandan) के जज्बे, हौसले और दिलेरी की बातें केवल अपना देश ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी मीडिया भी कर रहा है।

पाकिस्तान के नामी अखबार डॉन ने उनके अदम्य साहस की दास्तां बताई है। अखबार ने बताया है कि कैसे वायुसेना के जवान ने दुश्मनों के हाथों में गुप्त दस्तावेज नहीं लगने दिए और पड़ोसी देश में भारत के लिए नारे भी लगाए।

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