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7 साल की उम्र से शुरू की एक्टिंग, क्लासिलकल डांस करने वाली वैजयंती माला की अनूठी है लव स्टोरी

हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर की मशहूर अभिनेत्रियों में शुमार वैजयंती माला का आज जन्मदिन है।

हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर की मशहूर अभिनेत्रियों में शुमार वैजयंती माला का आज जन्मदिन है। यह उनका 83वां जन्मदिन है। क्लासिकल डांस में निपुण और दो दशकों से ज्यादा समय तक हिंदी फिल्मों पर राज करने वाली इस अदाकारा को ‘ट्विंकल टोज’ के नाम से भी जाना जाता है। वैजयंती माला पहली ऐसी साउथ सुपरस्टार हैं जो कि नेशनल स्टार बन गई थीं। वैजयंती माला का जीवन कई साउथ एक्ट्रेस के लिए प्रेरणा का स्रोत भी रहा। उनमें से एक रहीं हेमा मालिनी। हेमा खुद वैजयंती की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं। वैजयंती माला ही वह अभिनेत्री थीं, जिन्होंने हिदी सिनेमा में अर्थ-शास्त्रीय नृत्य को पहचान दिलाई थी। वह बतौर राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं।वैजयंती माला ने अपने जीवन का हर किरदार बखूबी निभाया है। वैजयंती माला ने न केवल साउथ बल्कि हिंदी सिनेमा जगत में भी कई सुपरहिट फिल्में दी हैं।

इन फिल्मों में ‘मधुमति’, ‘नया दौर’, ‘लीडर’, ‘ज्वैल थीफ’ और ‘संगम’ शामिल हैं। 13 अगस्त, 1936 को वैजयंती माला का जन्म चेन्नई के तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम एमडी रमन और मां का नाम वसुंधरा देवी था। वैजयंती माला की मां भी 1940 के दशक की फेमस तमिल एक्ट्रेस थीं। वैजयंती माला ट्रेंड क्लासिकल डांसर हैं। मन डोले मेरा तन डोले (नागिन), ईना मीना डीका (आशा), बक्कड़ बम बम (कठपुतली), चढ़ गयो पापी बिछुआ (मधुमती), ओ छलिया रे (गंगा जमुना), बुड्ढा मिल गया (संगम), होठों पे ऐसी बात (जेवेल थीफ), कैसे समझाऊं (सूरज) जैसा फिल्मों में उनका नृत्य देखकर उनकी नृत्यकला में निपुणता का अंदाजा लगाया जा सकता है। 7 साल की उम्र से ही वैजयंती माला ने परफॉर्म करना शुरू कर दिया था।

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महज 13 साल की उम्र में वैजयंती माला ने तमिल इंडस्ट्री में कदम रखा था। उनकी पहली फिल्म ‘वड़कई’ थी, इसके बाद 1950 में वैजयंती माला की फिल्म ‘जीवितम’ रिलीज हुई। दोनों फिल्मों की सफलता के बाद वैजयंती माला ने बॉलीवुड का रुख किया। बॉलीवुड में वैजयंती माला ने ‘बहार’ और ‘लड़की’ फिल्म में काम किया। इसके बाद आई ‘नागिन’ फिल्म की सफलता के बाद उन्होंने लंबे समय तक हिंदी फिल्मों में काम किया। 1954 में आई फिल्म ‘नागिन’ उनकी पहली सफल फिल्म थी। इसके बाद 1955 में आई ‘देवदास’ में उन्होंने चंद्रमुखी के किरदार को कालजयी बना दिया। इस फिल्म में वैजयंती माला के अभिनय को बहुत सराहना मिली और उन्हें पहला फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला। फिल्म ‘नया दौर’ में दिलीप कुमार के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब सराहा।

‘नया दौर’ बॉलिवुड की सबसे सफल और बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है। वैजयंतीमाला ने ‘संगम’, ‘साधना’, ‘सूरज’, ‘प्रिंस’, ‘मधुमती’, ‘गंगा जमुना’, ‘आम्रपाली’ जैसी हिट फिल्मों में भी अपने अभिनय का लौहा मनवाया। ‘मधुमती’ और ‘गंगा जमुना’ जैसी फिल्मों में लीक से हटकर निभाए गए उनके किरदारों को हर तरफ से सराहना मिली। 1958 में फिल्म ‘मधुमती’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। 1961 में दूसरी बार फिल्म ‘गंगा-जमुना’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड और 1964 में तीसरी बार फिल्म ‘संगम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। 1996 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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दो दशकों से ज्यादा समय तक बॉलीवुड पर राज करने वाली एक्ट्रेस वैजयंती माला ने अपनी फिल्म ‘देवदास’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड लौटा दिया था। उनका मानना था कि उनका किरदार पारो के बराबर ही था ना कि वह किसी सपोर्टिंग एक्ट्रेस की भूमिका में थीं। वैजयंती माला ने साल 1968 में चमनलाल बाली से शादी कर ली थी। वैजयंती माला का नाम वैसे तो कभी राज कपूर तो कभी किसी दूसरे एक्टर के साथ जोड़ा जाता रहा लेकिन वैजयंती के शादी की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। एक बार वैजयंती को निमोनिया हो गया था जिसकी वजह से उन्हें राज कपूर के डॉक्टर बाली के पास इलाज के लिए जाना पड़ा। इलाज के दौरान ही डॉक्टर बाली से वैजयंती को प्यार हो गया और बाद में दोनों ने शादी कर ली थी।

शादी के बार उन्होंने फल्मों से दूरी बना ली। वैजयंतीमाला सक्रिय रुप से राजनीति में कार्यरत हैं। दोनों का एक बेटा सुचिन्द्र बाली हैं। सुछेंद्र बाली ने एक्टिंग में हाथ आजमाया लेकिन वह इसमें सफल नहीं रहे। सुछेंद्र साल 2007 में आखिरी बार फिल्म Ninaithale में नजर आए थे। आज वैजयंतीमाला साउथ चेन्नई की सबसे ताकतवर राजनैतिक शख्सियतों में से एक हैं। हालांकि वह डांस से अपना नाता नहीं तोड़ पाईं। शादी के बाद भी वैजयंती माला ने क्लासिकल डांस करना नहीं छोड़ा। वैजयंती माला ने 82 साल की उम्र में धमाकेदार भरतनाट्यम किया था, ये हर किसी के बस की बात नहीं है। गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री वैजयंती माला भी उन्हीं चंद जिंदादिल इंसानों में से एक हैं।

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