उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) ने सैन्य खुफिया दस्ते के साथ एक संयुक्त अभियान चलाकर चंदौली जिले से एक संदिग्ध आईएसआई (ISI) एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी मोहम्मद राशिद पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं को मार्च 2019 से संवेदनशील सूचनाएं दे रहा था।
ATS अधिकारियों के अनुसार‚ राशिद ने सैन्य परिसरों की तस्वीरें ली थीं और उन्हें पाकिस्तान भेज रहा था। संदिग्ध ने सीआरपीएफ की इमारतों की भी रेकी की थी। ATS अधिकारियों ने कहा कि आरोपी राशिद ने कबूल किया है कि उसने पाकिस्तान से दो बार प्रशिक्षण लिया था। ATS अधिकारियों को राशिद के बारे में पिछले साल जुलाई में गोपनीय सूचना मिली थी कि वाराणसी का एक युवक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को व्हाट्सएप के माध्यम से संवेदनशील जानकारी भेज रहा है। एजेंसियों ने उस पर बराबर नजर रखी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से उसका विश्लेषण किया।
आखिरकार‚ संदिग्ध की पहचान की पुष्टि करने और उसे पकड़ने के लिए सैन्य खुफिया और यूपी ATS की एक संयुक्त टीम गठित की गई। रविवार को शुरुआती पूछताछ और उसके मोबाइल की जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया‚ जिसके बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ उसका संबंध उजागर हो गया। मोहम्मद राशिद (23) उप्र के चंदौली में अपने नाना और मामा के पास रुका हुआ था‚ क्योंकि उसके माता–पिता का तलाक हो चुका था और उन दोनों ने दोबारा शादी कर ली थी।
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कक्षा आठ की पढ़ाई करने के बाद राशिद ने वाराणसी में एक सिलाई की दुकान पर और उसके बाद एक मेडिकल स्टोर पर काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने फ्लैक्सी साइनबोर्ड लगाने का काम शुरू किया। मोहम्मद राशिद के पाकिस्तान में रिश्तेदार थे और वह 2017 और 2018 में शादी समारोहों में वहां गया था। इस दौरान वह अपनी रिश्ते की बहन अनम के प्यार में पड़ गया। साल 2018 में अपने दूसरे पाकिस्तान दौरे पर उसकी मौसी के बेटे शाजेब ने उसे आईएसआई (ISI) के दो एजेंटों से मिलवाया।