ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की एक बैठक में सम्मिलित हुये भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात और तालिबानी शासन से भारत में पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की। इस मौके पर अमेरिका की हिंद–प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो भी मौजूद थे। इस बैठक में एडमिरल एक्विलिनो ने चीन के आक्रामक व्यवहार व विस्तार नीति के कारण भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर जोर दिया।
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जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) के अनुसार तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान से किसी भी संभावित आतंकवादी गतिविधि के भारत की तरफ आने पर सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने इसके साथ ही सुझाव दिया कि ‘क्वाड़’ राष्ट्रों को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में सहयोग बढ़ाना चाहिए। भारत को ये अंदेशा था कि अफगानिस्तान पर तालिबान कब्जे कर लेगा‚ लेकिन जितनी तेजी से वहां घटनाक्रम हुआ‚ वह चौंकाने वाला है।
जनरल रावत (Bipin Rawat) के मुताबिक भारत क्षेत्र में आतंकवाद मुक्त माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन जहां तक अफगानिस्तान का सवाल है‚ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां से भारत पहुंचने वाली किसी भी गतिविधि से उसी तरह निपटा जाए‚ जैसे हम अपने देश में आतंकवाद से निपट रहे हैं।
बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने बताया‚ ‘मुझे लगता है कि अगर क्वाड देशों से कोई समर्थन मिलता है‚ कम से कम आतंकवादियों की पहचान और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध लड़ने के लिए खुफिया जानकारी के तौर पर‚ तो मुझे लगता है कि इसका स्वागत किया जाना चाहिए।’ भारत‚ अमेरिका‚ जापान और ऑस्ट्रेलिया ‘क्वाड’ का हिस्सा हैं।
जनरल रावत ने कहा कि अफगानिस्तान से उत्पन्न होने वाली आतंकी गतिविधियों के भारत पर पड़ने वाले संभावित असर को लेकर भारत की सरकार चिंतित है और ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए आपातकालीन योजनाएं तैयार की गई हैं।