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शहीद उपेंद्र सिंह तोमर का अंतिम संस्कार हुआ, फोन पर परिवार से कहा था- दिवाली पर घर आऊंगा

शहीद उपेंद्र सिंह तोमर (Upendra Singh Tomar) की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार यही कह रही हैं, कि बेटा रामू भी चला गया और पति भी नहीं रहे, अब वह किसके सहारे जिएंगी।

मध्य प्रदेश: भारतीय सेना की आर्टिलरी के हवलदार उपेंद्र सिंह तोमर (Upendra Singh Tomar) पलवल में शहीद हो गए। शनिवार को मुरैना जिले के तरसमा में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

इस मौके पर सब भावुक थे लेकिन शहीद के पिता ने जो कहा, वो प्रेरणा देने वाला है। शहीद के पिता और रिटायर्ड सूबेदार मेजर नहबर सिंह तोमर ने कहा कि सेना तो शहादत का ही दूसरा नाम है। मेरा लाल सदियों तक अमर रहेगा।

बता दें कि हवलदार उपेंद्र सिंह तोमर (Upendra Singh Tomar) तरसमा गांव के रहने वाले थे। वह 8 जून को गंगानगर डिपो को गोला बारूद सप्लाई करके भरतपुर आ रहे थे। इसी दौरान डोडल में उनके सिर में दर्द हुआ और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इसी दौरान उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और उनका निधन हो गया।

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शुक्रवार शाम शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव तरसमा आया। यहां उनकी पत्नी ने रोते-रोते बताया कि उपेंद्र सिंह तोमर दिवाली पर घर आने का वादा करके गए थे।

शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार यही कह रही हैं, कि बेटा रामू भी चला गया और पति भी नहीं रहे, अब वह किसके सहारे जिएंगी। शनिवार को शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के घर में उनकी एक 13 साल की बेटी और पत्नी है। पूरे घर में मातम छाया हुआ है।

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