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संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने कहा, कश्मीर पर तीसरे पक्ष की कोई जरूरत नहीं

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस

संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना आम बैठक से पहले संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता सबसे जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में गुतारेस ने कहा कि हमारी क्षमता मदद से संबंधित है और यह तभी लागू हो सकता है, जब संबंधित पक्ष इसे स्वीकार करें। उनसे जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में पूछा गया था और उनसे यह भी सवाल किया गया कि वह कश्मीर मुद्दे के हल के लिए क्या करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी स्पष्ट राय है कि क्षेत्र में मानवाधिकारों का पूरी तरह से सम्मान होना चाहिए और समस्या के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत सबसे जरूरी चीज है।’’ भारत का हमेशा से मानना है कि कश्मीर एक आंतरिक मामला है और मध्यस्थता के लिए तीसरे पक्ष की कोई जरूरत नहीं है चाहे संयुक्त राष्ट्र हो या अमेरिका।

उधर, कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिशों में नाकाम होने के बाद पाकिस्तान अब दूसरी योजना क्या है, यह कहा नहीं जा सकता है। ऐसा संभव है कि कश्मीर मुद्दे पर अलग-थलग पड़ने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान घाटी में अशांति फैला सकता है। पाकिस्तान अब आतंकियों अथवा उग्रवादियों द्वारा घुसपैठ के जरिए और और ज्यादा से ज्यादा सीजफायर का उल्लंघन कर नियंत्रण रेखा (LoC) पर तनाव बढ़ा सकता है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक न्यूयॉर्क में 24 से 30 सितंबर के बीच होगा। दिल्ली स्थित राजनयिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, न्यूयॉर्क और जेनेवा में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अमेरिकी यात्रा पर पीएम मोदी के साथ नहीं हैं।

अजीत डोभाल ने जम्मू-कश्मीर पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखने का फैसला किया है क्योंकि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण से पहले घाटी में हिंसा को बढ़ाने की कोशिश करेगा। ऐसे में डोभाल पाकिस्तान और उसकी गतिविधियों पर पूरी नजर बनाए रखेंगे। अंतरराष्ट्रीय समूहों मसलन राष्ट्रमंडल राष्ट्रों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उन्हें मोदी सरकार द्वारा पिछले महीने अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के संदर्भ में कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अधिवेशन में भी पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था, मगर वहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी थी। भारत सरकार के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अधिवेशन में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्पष्ट कर दिया था कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है।

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