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LAC पर जारी तनाव के बीच पहली बार किसी मंच पर एक साथ आएंगे मोदी-जिनपिंग, SCO शिखर सम्मेलन में होंगे आमने-सामने

फाइल फोटो।

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)  SCO काउंसिल के 20वें सम्मेलन (SCO Summit 2020) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे। दोनों नेता सीमा पर जारी तनाव के बीच पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक साथ आ रहे हैं।

LAC पर भारत-चीन तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) संघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने 6 नवंबर की शाम को इस बात की पुष्टि की। विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम SCO काउंसिल के 20वें सम्मेलन (SCO Summit 2020) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे। दोनों नेता सीमा पर जारी तनाव के बीच पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक साथ आ रहे हैं।

गौरतलब है कि 8 राष्ट्रों वाले एससीओ (SCO) में चीन का दबदबा है। यह क्षेत्रीय समूह दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी और वैश्विक जीडीपी के 20 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। चीन, रूस, कजाखस्तान, कीर्गिस्तान, ताजीकिस्तान और उज्बेकिस्तान एससीओ के संस्थापक सदस्य हैं। एससीओ का मुख्यालय बीजिंग में है। भारत और पाकिस्तान 2017 में इस समूह में शामिल हुए।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”पीएम मोदी 20वें एससीओ राष्ट्र प्रमुखों के 20वें सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे। जिसका आयोजन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता में 10 नवंबर को वर्चुअली होने जा रहा है। यह तीसरी बैठक है जिसमें भारत पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होगा।”

उधर, चीन ने एक दिन पहले ही इस बात की पुष्टि कर दी है कि शी चिनपिंग इस बैठक में शामिल होंगे। एससीओ (SCO) शिखर सम्मेलन में शी की उपस्थिति के बारे में 5 नवंबर को मीडिया को संबोधित करते हुए चीन के उप विदेश मंत्री ली युचेंग ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति अन्य नेताओं के साथ नए दृष्टिकोण के साथ जोखिम और चुनौतियों से निपटने, सुरक्षा ,स्थिरता बढ़ाने और विकास के कदमों पर चर्चा करेंगे।

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उप विदेश मंत्री ने इस बैठक में द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया क्योंकि इस शिखर सम्मेलन का आयोजन डिजिटल तरीके से होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोविड-19 (COVID-19) के बाद के दौर में आमने-सामने की बैठकें हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी एकजुटता, आपसी विश्वास, बहुपक्षवाद को मजबूत करने और कोविड-19 के बाद के दौर में समूह के देशों की प्रगति के लिए अपना प्रस्ताव रखेंगें।