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संसद का बजट सत्र: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की विदाई पर पीएम मोदी हुए भावुक

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बार फिर राज्यसभा को संबोधित किया। संसद के ऊपरी सदन से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) सहित चार सांसदों की विदाई हो रही है।

संसद का बजट सत्र चल रहा है। आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना पर राज्यसभा में बयान देंगे। इस दौरान वह राहत एवं बचाव अभियान के बारे में जानकारी देंगे। इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बार फिर राज्यसभा को संबोधित किया।

संसद के ऊपरी सदन से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) सहित चार सांसदों की विदाई हो रही है। जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें दो पीडीपी, एक कांग्रेस और एक भाजपा सांसद शामिल हैं। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने गुलाम नबी आजाद की जमकर तारीफ की।

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पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए कहा, “मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्‍कत पड़ेगी। क्‍योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे लेकिन देश की और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।”

राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पद आते हैं, उच्च पद आते हैं, सत्ता आती है और इन्हें किस तरह से संभालना है, यह गुलाम नबी आजाद जी से सीखना चाहिए। मैं उन्हें सच्चा दोस्त समझूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके एक जुनून के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं, वो है बागवानी। वो यहां के घर में बगीचे को संभालते हैं, जो कश्मीर की याद दिलाता है।

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वहीं, एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) भावुक हो गए। दरअसल, पीएम मोदी उस घटना का जिक्र कर रहे थे जब गुजरात के यात्रियों पर आतंकियों ने हमला किया था। पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पहले गुलाम नबी आजाद जी का उनके पास फोन आया। वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था, फोन पर गुलाम गुलाम नबी आजाद के आंसू रुक नहीं रहे थे।

पीएम ने कहा, “शायद ही कोई ऐसी घटना हो जिसमें हम दोनों के बीच कोई संपर्क सेतु न रहा हो। एक बार आतंकियों ने हमला कर दिया। सबसे पहले मुझे गुलाम नबी जी का फोन आया। और वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था, उनके आंसू रुक नहीं रहे थे… फोन पर ही। उस समय प्रणब मुखर्जी साहब डिफेंस मिनिस्‍टर थे। मैंने उनको फोन किया कि अगर फोर्स का हवाई जहाज मिल जाए.. डेड बॉडी लाने के लिए। उन्‍होंने कहा चिंता मत कीजिए। लेकिन रात में फिर गुलाम नबी जी का फोन आया। वे एयरपोर्ट पर थे। एयरपोर्ट से ही उन्‍होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्‍य की चिंता करेंगे, वैसी चिंता….”

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प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने कहा, “श्रीमान गुलाम नबी आजाद जी, श्रीमान शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी, नादिर अहमद जी मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और आपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं।”