झारखंड: पुलिस की कार्रवाई से नक्सली संगठनों में मचा हड़कंप, कई बड़े नक्सली कर सकते हैं सरेंडर

नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ अभियान जारी है। इस वजह से अब तक कई नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई से नक्सली संगठन बौखलाए हुए हैं।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर।

नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में कई स्वार्थी नक्सली (Naxalites) हैं जो पुलिस के साथ झारखंड के कई हिस्सों में मुठभेड़ करने के लिए तैयार हैं। लातेहार, पलामू , गुमला, चाईबासा, गिरिडीह हजारीबाग, चतरा आदि जिलों में कुख्यात नक्सलियों का जमावड़ा लगा हुआ है।

रांची: झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ अभियान जारी है। इस वजह से अब तक कई नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई से नक्सली संगठन बौखलाए हुए हैं।

खबर है कि कई बड़े नक्सली (Naxalites) फरवरी और मार्च में सरेंडर करने वाले हैं। जानकार बताते हैं कि जिन नक्सलियों के खिलाफ सरकार ने देशद्रोह का मामला चलाने का आदेश दिया है वे भी सरकार के आगे सरेंडर करने के लिए तैयार हैं।

संभावना जताई जा रही है कि अजय महतो जैसे शीर्ष इनामी नक्सली व कई बड़े नक्सली नेता भी सरेंडर करेंगे। हालांकि कुछ ऐसे नक्सली हैं जो स्वार्थ की वजह से संगठन को नहीं छोड़ना चाहते हैं और स्वार्थी नक्सलियों की टीम बनाकर पुलिस से भिड़ने का मन बना रहे हैं।

बता दें कि नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में कई स्वार्थी नक्सली (Naxalites) हैं जो पुलिस के साथ झारखंड के कई हिस्सों में मुठभेड़ करने के लिए तैयार हैं। लातेहार, पलामू , गुमला, चाईबासा, गिरिडीह हजारीबाग, चतरा आदि जिलों में कुख्यात नक्सलियों का जमावड़ा लगा हुआ है।

झारखंड में बीते 22 दिनों के अंदर पुलिस और नक्सलवादी (Naxalites) संगठनों के बीच 5 से ज्यादा मुड़भेड़ की घटनाएं हुई हैं। हालांकि इसमें सुरक्षाबलों का पलड़ा भारी रहा है।

झारखंड के विभिन्न जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बिहार और बंगाल में नक्सली आश्रय लिए हुए हैं।

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गढ़वा, लातेहार और गुमला में तो विमल यादव और बुद्धेश्वर उरांव का दस्ता पहले से ही सक्रिय है।

वहीं कोडरमा नवादा बॉर्डर में एमसीसी के रीजनल कमेटी के सदस्य कुख्यात नक्सली इंदल गंजू का दस्ता सक्रिय है। कोडरमा गिरिडीह नवादा बॉर्डर में कुख्यात नक्सली पिंटू राणा और करुणा दीदी सक्रिय हैं।

बता दें कि कुख्यात नक्सली पिंटू राणा द्वारा हाल में ही इस क्षेत्र में विस्फोटक रखा गया था। जिसे पुलिस ने समय रहते बरामद कर निष्क्रिय कर दिया था।

बोकारो के लुगु पहाड़ और ऊपर घाट के जंगलों में मिथिलेश सिंह का दस्ता सक्रिय है। वहीं भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य व 1 करोड़ के इनामी नक्सली किशन जी और प्रशांत बोस समर जी उर्फ अनमोल मोचो उर्फ मेहनत लंबू उर्फ चमन सुरेश मुंडा महाराजा प्रमाणिक और कांडुलना का दस्ता सक्रिय है।

दहशत फैलाने के लिए नक्सलियों ने 16 जनवरी 2020 को सीरीज बम विस्फोट भी किया था। इसके अलावा 27 जनवरी को पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में टीपीसी के कायर नक्सलियों ने पुलिस के साथ गोलीबारी की थी।

30 जनवरी को चाईबासा जिले के घोर नक्सल प्रभावित घने जंगलों का थाना क्षेत्र चक्रधरपुर में पीएलएफआई के उग्रवादियों ने पुलिस के साथ मुड़भेड़ की थी। 4 फरवरी को भी पीएलएफआई के उग्रवादियों ने मुठभेड़ की थी।

झारखंड में 7 फरवरी 2021 को नक्सलियों और पुलिस के बीच दो अलग-अलग जिलों में मुठभेड़ हुई थी। पहली घटना रांची से सटे घोर जंगली क्षेत्र पश्चिमी सिंहभूम जिला और सराइकेला खरसावां के सीमावर्ती टोकनो थाना क्षेत्र के जंगल की है और दूसरी घटना गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के पूर्व गढ़ थाना क्षेत्र के देवरागनी जंगल की है। यहां भी नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था।

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