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Rajiv Gandhi Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि आज, जानें क्यों कहे जाते हैं ‘आधुनिक भारत के शिल्पकार’

राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) पर किया गया ये दूसरा हमला था। इससे पहले भी जब वे श्रीलंका गए थे तब गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान उनपर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई थी।

आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की पुण्यतिथि है। पूरा देश उनको याद कर रहा है और श्रद्धांजलि दे रहा है। 21 मई, 1991 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी देशभर में चुनावी रैलियां कर रहे थे। इसी सिलसिले में वे तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में थे। यहां उनकी रैली चल रही थी। एक महिला उन्हें हार पहनाने के लिए आगे बढ़ी।

सुरक्षाकर्मियों ने महिला को रोका लेकिन राजीव के इजाजत के बाद वो महिला आगे बढ़ी। वह महिला उन्हें हार पहनाकर उनके पांव छूने के लिए झुकी और इसी के साथ एक जोरदार धमाका हुआ। धमाके में प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत हो गई। इस एक धमाके ने देश का एक होनहार नेता खो दिया था। इस घटना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था।

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हमले की जिम्मेदारी श्रीलंका के आतंकी संगठन LTTE ने ली। बता दें कि श्रीलंका का यह अलगाववादी संगठन तमिलों के लिए अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए बनाया गया था। इस संगठन का नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन था। साल 1976 में इस संगठन ने विलिकाडे में नरसंहार को अंजाम दिया था। इस संगठन ने कई बार श्रीलंकाई नेताओं को भी अपना निशाना बनाया।

राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पोते और भारत के नौवें प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था।

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राजीव गांधी 1987 से कांग्रेस (आई) के महासचिव थे। 31 अक्तूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में पैदा हुई मुश्किल परिस्थितियों को संभालने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया।

श्रीलंका में चल रहे लिट्टे और सिंहलियों के बीच युद्ध को शांत करने के लिए राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने भारतीय शांति सेना को श्रीलंका में तैनात कर दिया। उनके इस फैसले से कट्टरपंथी खफा थे। जिसका बदला लेने के लिए उन्होंने राजीव गांधी की हत्या कर दी।

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राजीव गांधी पर किया गया ये दूसरा हमला था। इससे पहले वर्ष 1987 में जब राजीव गांधी श्रीलंका गए थे तब गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान उनपर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई थी। लेकिन उनके अंगरक्षकों की चौकस नजरों की वजह से इस हमले में राजीव गांधी बच गए थे। पर 1991 में उनके ऊपर दोबारा हमला हुआ और देश ने अपना प्रधानमंत्री खो दिया।

40 साल की उम्र में देश के सबसे युवा और नौवें प्रधानमंत्री होने का गौरव हासिल करने वाले राजीव गांधी ‘आधुनिक भारत के शिल्पकार’ कहे जाते हैं। उस समय कई लोगों ने उन्हें नौसिखिया कहा, लेकिन जिस तरह से उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाई, उससे सभी अचंभित रह गए। वे पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने देश में तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता देकर कंप्यूटर के व्यापक प्रयोग पर जोर डाला।

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राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने अपने कार्यकाल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण समेत नौकरशाही में सुधार के कई कदम उठाए थे। राजीव गांधी को देश में आई सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्रांति का जनक भी कहा जाता है। राजनीति से अलग वो एक कुशल कमर्शियल पायलट भी थे और काफी समय तक उन्‍होंने इंडियन एयरलाइंस में अपनी सेवाएं दी थीं।