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भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास पहली बार हाइवे पर उतरा वायुसेना का लड़ाकू विमान, जानें क्यों पड़ी इसका जरूरत

भारत-पाकिस्तान सरहद क्षेत्र से गुजरने वाली हाईवे पर जालोर जिले के चितलवाना क्षेत्र के अगडावा में रनवे तैयार किया गया है। इस हाइवे के रनवे पर 8 सितंबर को फाइटर प्लेन (IAF Fighter Jet) की लैंडिंग और टेक ऑफ कराया गया।

पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा से सटे सरहदी इलाके में वायुसेना के लड़ाकू विमान (IAF Fighter Jet) ने सीधे हाइवे पर लैंड किया। आपात परिस्थितियों के लिए भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बने नेशनल हाइवे-925ए पर यहां हवाई पट्‌टी बनाई गई है। इसकी मॉक ड्रिल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शामिल होने वाले हैं।

भारत-पाकिस्तान सरहद क्षेत्र से गुजरने वाली हाईवे पर जालोर जिले के चितलवाना क्षेत्र के अगडावा में रनवे तैयार किया गया है। इस हाइवे के रनवे पर 8 सितंबर को फाइटर प्लेन (IAF Fighter Jet) की लैंडिंग और टेक ऑफ कराया गया। सुबह 7:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक हाइवे पर आवागमन को बंद करवा दिया गया था। इसका इस्तेमाल वायुसेना इमर्जेंसी में कर सकेगी।

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बता दें कि 9 सितंबर भारतमाला परियोजना के तहत बने हाइवे पर फाइटर प्लेन रनवे का उद्घाटन किया जाएगा, इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शिरकत करेंगे। इससे पहले ट्रायल रन किया गया। फिर एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर की लैंडिंग करवाई गई।

दरअसल, साल 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारतीय वायुसेना (Indian Air Forec)  के भुज एयरबेस पर जो हुआ, वैसै न हो, इसलिए इस प्रोजेक्ट की जरूरत थी। बता दें कि 8 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान के जेट्स ने वायुसेना के भुज एयरबेस पर बम दागे थे। इससे एयरबेस के रनवे तबाह हो गया था। इसकी वजह से युद्ध के दौरान वहां सारे हवाई ऑपरेशन्स रुक गए थे।

भविष्य में ऐसे हालात पैदा न हों इसके लिए यह प्रोजेक्ट जरूरी था। अब वायुसेना को अपने ऑपरेशन्स के लिए और अधिक विकल्प और सीमा से सटे इलाकों में तत्काल एक्शन के लिए आसानी होगी।

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यह हवाई पट्‌टी भारत-पाक सीमा से महज 40 किलोमीटर दूर है। इस हवाई पट्टी को बनाने में 32.95 करोड़ रुपए लागत आई। इसका निर्माण भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बने हाइवे NH-925ए पर हुआ है। हवाई पट्‌टी की चौड़ाई 33 मीटर है और इसकी लंबाई 3 किलोमीटर है।