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भारत को आंख दिखाने से पहले सौ बार सोचेगा चीन, DRDO ने किया इस मिसाइल का सफल परीक्षण

ओडिशा के बालासोर तट से छोड़े गए इस पृथ्वी-II मिसाइल (Prithvi II Missile) ने उन सभी लक्ष्यों को भेदे जो परीक्षण के लिए चुने गए थे।

चीन के साथ LAC पर जारी तनाव के बीच भारत ने 23 सितंबर को सतह से सतह पर मार करने और परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम पृथ्वी II मिसाइल (Prithvi II Missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। पृथ्वी-II मिसाइल का परीक्षण कामयाब रहा। मिसाइल का ओडिशा के समुद्री तट पर रात्रि परीक्षण किया गया।

भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा तैयार शॉर्ट रेंज बलिस्टिक मिसाइल (Prithvi short-range ballistic missile) का स्ट्रैटजिक फोर्स कमांड (SFC) ने परीक्षण किया। ओडिशा के बालासोर तट से छोड़े गए इस पृथ्वी-II मिसाइल (Prithvi II Missile) ने उन सभी लक्ष्यों को भेदे जो परीक्षण के लिए चुने गए थे। सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

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करीब आधा टन वजनी परमाणु बम ढोने में सक्षम यह मिसाइल 150 से 600 किमी तक वार कर सकती है। पृथ्वी सीरिज की तीन मिसाइलें हैं- पृथ्वी I, II और III। इनकी मारक क्षमता क्रमशः 150 किमी, 350 किमी और 600 किमी तक है। चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (ITR) से मिसाइल को अंधेरे में दागा गया। पृथ्वी-II मिसाइल 350 किमी तक के रेंज में लक्ष्यों को ध्वस्त कर सकता है।

खास बात यह है कि पृथ्वी श्रेणी की मिसाइलें भारतीय वायुसेना और थल सेना, दोनों ही अपने बेड़ों में शामिल कर चुकी हैं। गौरतलब है कि भारत ने इससे पहले पिछले साल नवंबर और दिसंबर में भी परमाणु क्षमता संपन्न स्वदेश निर्मित पृथ्वी-II मिसाइल (Prithvi II Missile) का रात में सफल परीक्षण किया था।

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पिछले साल सतह से सतह तक मार करने में सक्षम पृथ्वी-II मिसाइल (Prithvi II Missile) परीक्षण एक पखवाड़े के अंदर किया गया था। इसमें पहला परीक्षण 20 नवंबर को और दूसरा परीक्षण 4 दिसंबर को किया गया था।

बता दें कि चीन ने हाल ही में डोकलाम में परमाणु बॉम्बर तैनात किया है। उसने भूटान से लगे डोकलाम के पास में अपने H-6 परमाणु बॉम्‍बर और क्रूज मिसाइल को तैनात किया है। चीन इन हथियारों की तैनाती अपने गोलमुड एयरबेस पर कर रहा है। यह एयरबेस भारतीय सीमा से मात्र 1,150 किलोमीटर दूर है।

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इससे पहले चीन ने इस घातक बॉम्‍बर की तैनाती अक्‍साई चिन के काशगर एयरबेस पर की थी। ऐसे में कहा जा रहा है कि पृथ्वी-II मिसाइल  (Prithvi II Missile) का परीक्षण भारत की ओर से चीन के लिए जवाब है।