वैश्विक महामारी का रूप ले चुके खतरनाक करोना वायरस (Coronavirus) के भारत में बढ़ते प्रकोप से देश में पोल्ट्री उद्योग (Poultry Farm) को प्रतिदिन लगभग 300 करोड़ का नुकसान हो रहा है। इसके चलते पोल्ट्री उद्योग पूरी तरह चौपट हो गया है जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। यदि इस वायरस का भारत में प्रकोप लंबा चला तो पोल्ट्री उद्योग को उबरने में लंबा समय लग जाएगा। सोशल मीडि़या पर फैल रही अंडों व चिकन के प्रयोग से करोना होने संबधी खबरें इस उद्योग के चौपट होने का बड़ा कारण माना जा रहा है।
पोल्ट्री उद्योग (Poultry Farm) खाद्य व कृषि से जुड़ा देश का प्रमुख उद्योग है। इस उद्योग के जरिए प्रतिदिन देशभर में 300 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रतिदिन होता है। पोल्ट्री के बड़ी संख्या में बड़े-बड़े फार्म हैं जहां छोटे कुक्कुट के अलावा अंड़ों का उत्पादन होता है।
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उद्योग मंडल फिक्की के अनुसार देश भर में लगभग 1.7 मिलियन लोग इस उद्योग से सीधे जुड़े हैं जिनकी रोजी-रोटी का साधन यह उद्योग है। अधिकतर पोल्ट्री फार्म (Poultry Farm) शहरी क्षेत्र से बाहर है तथा बड़ी संख्या में किसान कुक्कुट पालन का काम करते हैं जिस कारण इस उद्योग को उप-कृषि उद्योग माना जाता है।
फिक्की का मानना है कि सोशल मीडिया पर अंड़ों व चिकन आदि के प्रयोग से कोरोना (Coronavirus) होने का खतरा होने संबधी भ्रामक खबरें आने के बाद लोग लॉकडाउन से काफी पहले ही अंड़ों व चिकन आदि का सेवन करने से डरने लगे जिससे कुक्कुट के बाजार भाव में भारी कमी हो गई।
कुक्कुट की लागत प्रति किलो 70 से 80 रुपए है लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) के डर के कारण बाजार में इसका दाम 10 से 20 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया और किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान होने लगा है।