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पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब, FATF की कार्रवाई से बचने के लिए कर रहा नाटक

पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब हो गया है। पाकिस्तान आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी मौलाना मसूद अजहर (Masood Azhar) के लापता होने की बात कह रहा है। लेकिन आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर और उसका परिवार लापता नहीं है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान नाटक कर रहा है। 

FATF की कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान कर रहा नाटक।

भारत की काउंटर टेरर एजेंसियों ने इस बात की पुष्टि की है कि आतंकी मसूद अजहर फिलहाल कड़ी सुरक्षा के बीच एक बम प्रूफ घर में रह रहा है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान नाटक कर रहा है। मसूद अजहर को पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई ने आर्मी के सेफ हाउस बहावलपुर में रखा है।

मसूद अजहर के हैं तीन ठिकाने

जानकारी के मुताबिक, मसूद अजहर पाकिस्तान में रेलवे लिंक रोड, मरकज-ए-उस्मान-ओ-अली में स्थित आतंकी समूह के बहावलपुर हेडक्वार्टर के पीछे एक वर्चुअल बम प्रूफ घर में रह रहा है। नाम न जाहिर होने की शर्त पर इंटेलीजेंस अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। आतंकी मसूद अजहर के तीन अन्य ज्ञात पते हैं- बहावलपुर में कौसर कॉलोनी, खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू में मदरसा बिलाल हब्शी और उसी प्रांत के लक्की मरवत में मदरसा मस्जिद-ए-लुकमान। सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले मसूद अजहर अपने बहावलपुर और खैबर पख्तूनख्वा के घरों में भी आता जाता था।

FATF की बैठक में होगा पाकिस्तान पर फैसला

कुछ दिन पहले इमरान सरकार के मंत्री हमद अजहर ने खुलासा किया था कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर लापता हो गया। दरअसल, फ्रांस की राजधानी पेरिस में FATF की बैठक चल रही है। बैठक में यह देखा जाएगा आतंक से लड़ने के लिए उसने पर्याप्त कदम उठाए हैं या नहीं। इसमें फैसला लिया जाएगा कि पाकिस्तान FATF के ग्रे लिस्ट में रहेगा, उससे बाहर निकलेगा या फिर ब्लैक लिस्ट में चला जाएगा। पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ((FATF) बैठक में बता सकता है कि आतंकी मसूद अजहर गायब है।

दुनिया को गुमराह करने की योजना

पाक की कोशिश है कि मसूद अजहर को लापता बताकर भारत और पूरी दुनिया को गुमराह किया जाए। इससे पाक के एफएटीएफ की काली सूची में शामिल किए जाने का खतरा खत्म हो जाएगा। इसके अलावा FATF की बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान ने आतंकी फंडिंग के आरोप में जमात-उद-दावा के प्रमुख और आतंकी हाफिज सईद और उसके सहयोगियों को दो मामलों में करीब साढ़े पांच-पांच साल की जेल की सजा सुनाई है। यह भी उसकी एक चाल हो सकती है, जिससे वह ब्लैक-लिस्ट होने से बच सकता है।

हाफिज सईद को रिहा कर देगा पाकिस्तान

जानकारों का तो मानना यह है कि एफएटीएफ की बैठक खत्म होने के बाद पाक फिर अपनी नापाक चाल दोहराएगा और हाफिज सईद को रिहा कर देगा। भारतीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के सार्वजनिक बयानों के अनुसार आतंकी अजहर रीढ़ की हड्डी की बीमारी से पीड़ित है और उसका भाई अब्दुल रऊफ असगर अल्वी जैश के डे फैक्टो एमिर तौर पर पदभार संभाल रहा है।

पुलवामा और पठानकोट हमलों के लिए जिम्मेदार है अल्वी

भारतीय अधिकारियों के अनुसार, आतंकी अल्वी पुलवामा और पठानकोट में हमलों के लिए जिम्मेदार है। इन दोनों आतंकी हमलों के वक्त जैश का ऑपरेशनल हेड वही था। पठानकोट हमला एक ओर जहां भारतीय और पाकिस्तानी नेताओं के बीच उभरती हुई दोस्ती-अमन को तोड़ने के लिए किया गया था, वहीं अल्वी के परिजनों आतंकी तलहा रशीद और उस्मान हैदर की मौत के लिए बदले के लिए पुलवामा हमले को अंजाम दिया गया था। बता दें कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

पाकिस्तान का नाटक

पाकिस्तान FATF की कार्रवाई से बचने के लिए नाटक कर रहा है। इसके लिए आतंकवादियों पर कार्रवाई करने की जगह वह उनको संरक्षण दे रहा है। हाफिज सईद को दिखाने के लिए गिरफ्तार किया और मसूद अजहर को लापता बता दिया। एफएटीएफ ये जानना चाह रही थी कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने के लिए कितना सतर्क है।

उधर, अक्टूबर, 2019 से ही पाकिस्तान बार-बार कह कर रहा है कि मसूद अजहर पता नहीं कहां गायब हो गया। पाकिस्तान के मंत्री हमद अजहर का कहना है कि मसूद अजहर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज नहीं कराया जा सकी क्योंकि वह अचानक लापता हो गया है। अब खुलासा हुआ है कि मसूद अजहर लापता नहीं हुआ है, बल्कि उसको सेफहाउस में रखा गया है।

पाकिस्तान के 16 आतंकियों में से सात मर चुके हैं

पाकिस्तान का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र ने जिन्हें आतंकी घोषित किया है, उनमें 16 आतंकी उसके देश के हैं, लेकिन इनमें सात मर चुके हैं। बाकी 9 में से सात ने संयुक्त राष्ट्र से अपील कर रखी है कि उन पर लगे आर्थिक और आने जाने पर पाबंदी हटाई जाए। इनमें लश्कर ए तैयबा का चीफ हाफिज सईद, हाजी मुहम्मद अशरफ, जफर इकबाल, हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टवी, याहया मोहम्मद मुजाहिद, आरिफ कासमानी और अल कायदा का फाइनैंसर अब्दुल रहमान शामिल है।

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