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छात्र आंदोलनों की आड़ में जिहादी और माओवादियों की हो रही है एंट्री

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आगाह किया कि छात्र आंदोलनों में ‘‘जिहादी, माओवादी और अलगाववादी’ घुस रहे हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में चल रहे प्रदर्शनों से आर्थिक एजेंडा बेपटरी नहीं होगा।

वित्त मंत्रि निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ये टिप्पणी संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में बीते कुछ दिनों से देशभर के कई विश्व विद्यालयों में जारी प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में की। हालांकि उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्व विद्यालय में हुए घटनाक्रम की उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने विश्व विद्यालयों में माओवादी या अलगाववादी प्रवृत्ति वाले ‘‘बाहरी समूहों’ का समर्थन करने पर कांग्रेस पार्टी को ‘‘पथभ्रष्ट’ कहते हुए निशाना साधा।

निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि जिस पार्टी ने भारत को आजादी दिलवाने में मदद की उसे स्वतंत्रता के बाद ही खत्म कर देना चाहिए था क्योंकि उसके एजेंडा में ‘‘राष्ट्र निर्माण’ नहीं है और यह एक परिवार की दास बनकर रह गई है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित होना जरूरी है कि एक राजनीतिक दल होने के नाते हम ऐसे छात्र आंदोलनों को बढ़ावा नहीं दें जो देश के खिलाफ हैं। छात्र आंदोलन या प्रदर्शन एक चीज है लेकिन इनमें जिहादियों, माओवादियों या अलगाववादियों का मिल जाना एक अलग बात है और हमें इससे सतर्क रहना चाहिए।’

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निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल और राष्ट्रीय राजधानी में जारी प्रदर्शनों से आर्थिक एजेंडा को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत की एकता कमतर नहीं हो रही और अर्थव्यवस्था अहम है। हम आश्वासन देते हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए हम हर कदम उठा रहे हैं कि भारत और यहां की अर्थव्यवस्था आगे बढ़े और सभी के लिए लाभदायक हो।

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