दिल्ली की पटियाला हाउस में एनआईए कोर्ट ने आईएसआईएस (ISIS) साजिश मामले में पहले दोषी ठहराए जा चुके 15 लोगों को शुक्रवार को 5 से 10 वर्षों की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इन सभी अपराधियों पर भारतीय मुस्लिम युवाओं को भड़काकर आतंकी संगठन में शामिल करने और इनसे भारत के कई जगहों पर हमले करवाने की योजना बनाने का आरोप है।
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मामला सीरिया स्थित आईएस (ISIS) मीडिया प्रमुख युसूफ–अल–हिंदी की ओर से भारतीय मुस्लिम युवाओं के संगठन में भर्ती से जुड़ा हुआ है। दरअसल यूसुफ मुस्लिम युवाओं को आतंकी संगठन के लिए चुनना चाहता था और उनसे भारत में आतंकवादी गतिविधि करवाना चाहता था। एनआईए (NIA) के एक प्रवक्ता ने के अनुसार‚ दिल्ली की एक कोर्ट ने शुक्रवार को आईएसआईएस (ISIS) साजिश मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ सजा की घोषणा की है।
एनआईए (NIA) की विशेष कोर्ट ने नफीस खान को एक लाख तीन हजार रुपए के जुर्माने के साथ 10 वर्ष का कठोर कारावास‚ मुदब्बीर मुस्ताक शेख को पैंसठ हजार जुर्माने के साथ सात वर्ष का कठोर कारावास‚ अबु अनस को 48 हजार जुर्माने के साथ सात साल‚ मुफ्ती अब्दुस सामी को पचास हजार रुपए जुर्माने के साथ सात साल‚ अजहर खान को 58 हजार रुपए के जुर्माने के साथ छह वर्ष की सजा और अमजद खान को 47 हजार रुपए के जुर्माने के साथ छह वर्ष की कठोर सजा सुनाई है।
वहीं एनआईए कोर्ट ने मो. शरीफ मोईनुदीन‚ आसिफ अली‚ मो. हुसैन‚ सैयद मुजाहिद‚ नजमुल हुडा‚ मो. अब्दुल्ला‚ मो. अलीम‚ मो. अफजल‚ सोहेल अहमद को पांच वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है और प्रत्येक पर 38 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
एनआईए ने 9 दिसम्बर 2015 को कई धाराओं में मामला दर्ज किया था‚ जिसके तहत आईएसआईएस (ISIS) की योजना भारत में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए मुस्लिम युवकों की भर्ती करना था।