छत्तीसगढ़: लाल आतंक के गढ़ में नक्सलियों को खुली चुनौती दे रहे डीजी अशोक जुनेजा, बाइक से पहुंचे पालोडी कैंप

बस्तर में नक्सली (Naxals) बैकफुट पर आ गए हैं। वे अपना अस्तित्व बचाने और वर्चस्व दोबारा पाने के लिए निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन ने अब नक्सलियों (Naxalites) की इन कायराना हरकतों पर लगाम लगाने के लिए कमर कस लिया है।

Naxals

फाइल फोटो।

स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा खुद मैदान में उतर चुके हैं। वे बीहड़ों में बाइक पर घूमकर नक्सलियों (Naxals) को खुली चुनौती दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लाल आतंक के गढ़ बस्तर (Bastar) में नक्सली (Naxals) बैकफुट पर आ गए हैं। वे अपना अस्तित्व बचाने और वर्चस्व दोबारा पाने के लिए निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन ने अब नक्सलियों (Naxalites) की इन कायराना हरकतों पर लगाम लगाने के लिए कमर कस लिया है।

इसके लिए स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा खुद मैदान में उतर चुके हैं। वे बीहड़ों में बाइक पर घूमकर नक्सलियों (Naxals) को खुली चुनौती दे रहे हैं। वह लगभग हर सप्ताह नक्सल इलाकों तक पहुंचकर जवानों का हौसला बढ़ा रहे हैं। जुनेजा बीते 15 अक्टूबर को बस्तर आइजी सुंदरराज पी, सुकमा के नए एसपी केएल ध्रुव और एसपी शलभ सिन्हा के साथ कुछ जवानों को लेकर पालोडी कैंप पहुंचे।

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वे पालोडी तक पहुंचने वाले वह पहले डीजी हैं। सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित किस्टारम थाने से छह किलोमीटर दूर पालोडी तक पहुंचने का एकमात्र जरिया बाइक है। किस्टारम के आगे का सफर मुश्किल और खतरनाक है। इन जंगलों में नक्सलियों का बोलबाला है। ऐसे इलाके में रिस्क लेकर वरिष्ठ आइपीएस अफसरों के पहुंचने से नक्सलियों में भय पैदा होना स्वभाविक है।

बता दें कि फोर्स ने एरिया डॉमिनेट करने के लिए पालोडी में कैंप खोला है। यह इलाका नक्सलियों के वर्चस्व वाला है। आए दिन यहां जवानों पर नक्सली हमले (Naxal Attack) का खतरा बना रहता है। नक्सली (Naxals) पालोडी कैंप पर लगातार गोलीबारी करते रहे हैं। इसी इलाके में 13 मार्च, 2018 को नक्सलियों ने सीआरपीएफ की गाड़ी को ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इस हमले में पालोडी में तैनात 9 जवान शहीद हो गए थे।

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अपने पालोडी कैंप दौरे के बाबत नक्सल अभियान के स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा ने कहा, “नक्सलवाद को हराने के लिए थोड़ा जोखिम उठाना जरूरी है। वहां हमारे जवान दिन- रात मोर्चे पर तैनात हैं। हम जाएंगे तो उनका उत्साह बढ़ेगा।”

गौरतलब है कि पालोडी का सबसे नजदीकी शहर तेलंगाना का भद्राचलम है, जो यहां से 54 किमी दूर है। पालोडी में 48 घर हैं, जिनमें कुल 231 लोग रहते हैं। इस इलाके में आमापेंटा, पेंटामरका, काकलेर, पालाचलम, कोटकपल्ली आदि गांव हैं। यहां दुर्दांत नक्सली कमांडर हिड़मा की बटालियन नंबर 1 सक्रिय है।

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आइजी बस्तर सुंदरराज पी कहते हैं कि हम उस इलाके में इंच-इंच बढ़ रहे हैं। जैसे-जैसे फोर्स आगे बढ़ती जाएगी नक्सली दूर हटेंगे और ग्रामीणों का भरोसा फोर्स पर बनेगा। पालोडी में सीआरपीएफ और कोबरा की दो कंपनियां तैनात हैं।

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