राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पीएलएफआई के सात सदस्यों के खिलाफ अनुपूरक आरोप–पत्र दाखिल की है। एजेंसी ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) एक प्रतिबंधित माओवादी संगठन है। विदेश निर्मित हथियारों और गोला–बारूद की बरामदगी के संबंध में एनआईए द्वारा आरोप–पत्र दाखिल किए गए हैं।
आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी ने झारखंड के रांची में विशेष NIA अदालत में शुक्रवार को सात आरोपियों के खिलाफ पहला अनुपूरक आरोप–पत्र दाखिल किया। गुलाब कुमार यादव‚ रवि यादव‚ राकेश कुमार पासवान‚ संतोष यादव ए.के.ए. टाइगर‚ सुरेश यादव‚ परमजीत मोची और पवन कुमार यादव के खिलाफ आरोप–पत्र दाखिल किया गया है। पवन झारखंड के लातेहार का रहने वाला है‚ जबकि अन्य सभी चतरा जिले के निवासी हैं।
NIA ने कहा कि उन पर भारतीय दंड संहिता‚ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वसूली गई रंगदारी का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता रहा है।
Google Maps में कश्मीर को भारत के बाहर विवादित क्षेत्र के तौर पर दिखाना अक्षम्य भूल
दिल्ली में NIA के एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि सातों आरोपी पीएलएफआई के सदस्य हैं। वे सरकारी विकास परियोजनाओं और ट्रांसपोर्टरों के ठेकेदारों से धमकी देकर वसूली किया करते थे।
NIA अधिकारी ने दावा किया कि उनसे वसूली गई रंगदारी का इस्तेमाल न केवल ‘आतंकी गतिविधियों’ के लिए किया गया था, बल्कि अचल संपत्तियों के ‘अधिग्रहण’ के लिए भी इस धन का इस्तेमाल हुआ।
अधिकारी ने आगे कहा, “आरोप-पत्र में नामजद छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि एक आरोपी मोची अभी भी फरार है।”