बिहार के गया जिले में संदिग्ध नक्सलियों (Naxali) ने एक स्कूल इमारत को उड़़ा दिया और मौके पर कथित रूप से संशोधित नागरिकता कानून‚ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजी विरोधी तथा ‘फासीवादी भाजपा सरकार’ के खिलाफ पर्चा छोड़ा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्र ने बताया कि मंगलवार की रात हुए इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि हादसे के समय बैंक बाजार पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित यह स्कूल इमारत खाली थी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टुकड़ी क्षेत्र में पहले से तैनात है।
पहले भी नक्सली ने किया था हमला
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्र ने बताया कि पिछले साल आम चुनाव से पहले नक्सलियों (Naxali) ने एक हमले को अंजाम दिया था‚ इसके बाद 18 मार्च से ही सीआरपीएफ की एक टुकड़ी वहां तैनात है। सीआरपीएफ की टुकड़ी को पहले सनदाहा उच्च विद्यालय में तैनात किया गया था और 8 फरवरी को उन्हें पास के घने जंगल में स्थित उनके अपने शिवर में स्थानांतरित कर दिया गया था। हस्तलिखित पर्चा मौके से बरामद हुआ है जिस पर लिखा है कि ब्राह्मणवादी‚ हिंदुत्ववादी फासीवादी भाजपा सरकार। स्कूल इमारत में सुरक्षा बलों के रहने पर पर सवाल खड़ा किया गया है।
लोगों से एकजुट रहने की अपील
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन पर्चों पर लोगों से यह भी अपील की गई है कि वह दमनकारी कानून सीएए‚ एनपीआर तथा एनआरसी के खिलाफ एकजुट हों। संशोधित नागरिकता कानून‚ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध में प्रदर्शन करने वालों को अपना समर्थन देने वाले क्षेत्र में सक्रिय माओवादियों के बारे में इनपुट हैं। उन्होंने बताया कि रविवार की रात हमने नक्सलियों (Naxali) से कथित संबंध रखने वाली नौ महिलाओं से पूछताछ की जब वे लोग प्रदर्शन स्थल शांति बाग जा रहीं थी।
शिवरात्रि के दौरान आतंकी हमले की फिराक में जैश और हिजबुल के आतंकी
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p style=”text-align: justify;”>पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि पूछताछ में एक महिला ने स्वीकार किया कि वह नक्सलियों (Naxali) की सक्रिय सदस्य है और अन्य ने कहा कि शांति बाग प्रदर्शन स्थल पर जाने के लिए प्रत्येक को 300-400 रुपए मिले हैं।