आशंका जताई जा रही है कि नक्सली संगठन द्वारा जंगल में ही 31 जुलाई तक शहादत दिवस मनाया जा रहा है। सभी संदिग्ध नक्सली दस्ता के सदस्य हो सकते हैं।
नक्सली इस वक्त शहीद सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान उनकी हर हरकत पर नजर रखने के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। इसकी कड़ी में बिहार के बांका जिले में पुलिस ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया। बांका जिला के चांदन थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हाल ही में जिला पुलिस और एसएसबी के द्वारा सर्च अभियान चलाया गया। हालांकि सर्च अभियान के दौरान कोई खास सफलता नहीं मिली। नक्सलियों का शहीद सप्ताह चल रहा है जिस कारण चानन क्षेत्र में नक्सलियों की चाल अकादमी के संबंध में सूचना मिली है, इसी को लेकर पुलिस लगातार सर्च अभियान चला रही है।
अभी कुछ ही दिनों पहले बांका-जमुई जिला सीमा स्थित खाजातरी, मटियोकुर, बगधसवा, कमलू, बीरमा, अमकोलिया, तीनटोपरवा जंगल में एएसपी अभियान के नेतृत्व में सुईया एसएसबी, एसटीएफ एवं स्थानीय पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। इस दौरान तीनटोपरवा से आगे घने जंगल में हाथ में लाल झंडा थामे कुछ अज्ञात संदिग्ध लोगों को गुजरते देखा गया था।
आशंका जताई जा रही है कि नक्सली संगठन द्वारा जंगल में ही 31 जुलाई तक शहादत दिवस मनाया जा रहा है। सभी संदिग्ध नक्सली दस्ता के सदस्य हो सकते हैं। 15 दिन पूर्व मल्हातरी गांव के समीप कमलू जंगल में हार्डकोर नक्सली पिटू राणा दस्ते के मौजूद होने की सूचना मिली थी। दस्ते के तीन नक्सली कोरोना पॉजेटिव होने की आशंका के चलते दुधपनियां जंगल कूच कर गया था।
बताया गया था कि हार्डकोर नक्सली बहादुर कोड़ा का हथियारबंद वर्दीधारी करीब 20 सदस्यीय दस्ता खाजातरी, मटियोकुर, बगधसवा जंगल के मैदानी क्षेत्र रास्ते कमलू जंगल तरफ पहुंचा था। नक्सली बहादुर कोड़ा के पीछे मुंगेर पुलिस पड़ गई है। एएसपी अभियान पवन कुमार उपाध्याय ने बताया था कि नक्सली संगठन अपने मूल उद्देश्य से भटककर आपराधिक गिरोह बन गया है। संगठन भी कमजोर हो चुका है।
आपको बता दें कि बांका में लगातार सर्च ऑपरेशन चल रहा है। कुछ महीने पहले भी बांका के चांदन थाना क्षेत्र में पुलिस और एसएसबी के द्वारा सर्च अभियान चलाया गया था। पुलिस ने उस वक्त भी बताया था कि इन दिनों इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधि बढ़ने की सूचना मिली है जिस कारण पुलिस लगातार सक्रिय है और समय-समय पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सर्च अभियान चलाया जाता है।