25वीं राजपुताना राइफल में पदस्थ रहे शहीद गोवर्धनसिंह (Govardhan Singh) का पार्थिव शरीर सिक्किम (ग्लेशियर) से होकर नई दिल्ली आया, फिर बुधवार देर शाम उदयपुर पहुंचा। इन दोनों जगह शहीद को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
मंदसौर: शहीद को हक दिलाने की मांग को लेकर महू-नीमच फोरलेन गुराड़िया बायपास पर जनता ने चक्काजाम कर दिया। ये हंगामा गुरुवार सुबह सिक्किम से शहीद गोवर्धन सिंह (Govardhan Singh) का पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद हुआ। जनता की ये मांग थी कि शहीद के परिजन को एक करोड़ राहत राशि और पत्नी को नौकरी दी जाए।
सड़क पर करीब 2 घंटे तक चक्काजाम की स्थिति बनी रही और सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए। बाद में ये मामला विधायक यशपालसिंह सिसौदिया के आश्वासन के बाद शांत हुआ।
बता दें कि 25वीं राजपुताना राइफल में पदस्थ रहे शहीद गोवर्धनसिंह (Govardhan Singh) का पार्थिव शरीर सिक्किम (ग्लेशियर) से होकर नई दिल्ली आया, फिर बुधवार देर शाम उदयपुर पहुंचा। इन दोनों जगह शहीद को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार को पैतृक गांव गुडभेली आ गया। बता दें कि गोवर्धनसिंह ड्यूटी पर सैन्य कामकाज से सिक्किम जा रहे थे, लेकिन रास्ते में रोड एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई।
चक्काजाम होने से जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तब विधायक सिसौदिया ने शहीद के परिजनों को मुआवजे का आश्वासन दिया। विधायक ने कहा कि मेरी सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात हो गई है और शहीद के परिजनों की मांग पूरी की जाएगी और उनके सम्मान में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
बता दें कि शहीद गोवर्धन सिंह के चचेरे भाई धमेंद्र सिंह भी सेना में हैं। उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर के बारामूला में है।