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भारतीय कंपनियों ने बनाया कोरोना का रैपिड जांच किट, ₹500 की किट से 5 मिनट में रिजल्ट

दुनियाभर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के पहले चरण में पहचान करना अब भी आर्युवैज्ञानिकों के लिए चुनौती है। जांच प्रक्रिया जटिल‚ महंगी और घंटों बाद संभावित परिणाम मिलते हैं। इस वजह से जब तक डॉक्टरों को यह पता चल पाता है कि मरीज में कोविड़–19 (Coronavirus) पोजिटिव है या निगेटिव है‚ तब तक काफी देर हो चुकी रहती है। दरअसल‚ नैदानिक जांच रिपोर्ट सात से आठ घंटे तक का समय ले लेती है। लेकिन अब इन सुस्त जांचों से मुक्ति मिलेगी। न्यू लाइफ लैबोरेट्री नामक स्वदेशी कंपनी ने ऐसी रैपिड किट तैयार की है जो सिर्फ 5 से 15 मिनट में कोरोना की जांच करने में सक्षम है। जांच का खर्च महज 500 रुपए तक अनुमानित है।

Coronavirus Rapid Test Kit. Imaginary photo

न्यू लाइफ कंसल्टेंट एंड डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी के निदेशक डॉ. नदीम रहमान कहते हैं कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायोरालॉजी (एनआईवी) पूणे से मंजूरी मिलने के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने किट का उत्पादन करने की अनुमति प्रदान कर दी है। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से उम्मीद है कि एक दो दिन में मंजूरी मिल जाएगी।

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पहले चरण में एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के जरिए 200 किटों की आपूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार को की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमितों की पहचान करने के लिए 15 लाख किट का आर्डर देने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में रैपिड किट बनाने वाली दो इकाइयां हैं। नोएडा की ‘न्यू लाइफ’ और लखनऊ की ‘वायोजेनिक्स’। दोनों कोरोना के संक्रमण के पहले क्रियाशील नहीं थीं। एमएसएमई विभाग इसकी मदद कर रहा है।

रैपिड किट की खासियत: कोरोना (Coronavirus) रैपिड किट का प्रयोग करने वाले फिलहाल उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा। चूंकि यह जांच संदिग्ध के खून से होगी लिहाजा नतीजे कुछ मिनटों में ही आ जाएंगे। अभी यह जांच संदिग्ध के थूक लार से होती है। इसके नतीजे सात–आठ घंटे में मिलते हैं। रैपिड किट से जांच में रोग का जल्दी पता लगने पर शुरु आती अवस्था में संक्रमण का इलाज प्रभावी होगा। रैपिड किट से जांच का समय उसकी गुणवत्ता पर अधारित होता है।