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अलकायदा के आतंकियों का कानपुर कनेक्शन सामने आया, यहीं से मुहैया कराया गया था हथियार

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लखनऊ में यूपी एटीएस (UP ATS) के हत्थे चढ़े शकील ने पूछताछ में खुलासा किया कि कानपुर के आफाक और लईक ने आतंकियों को असलहा उपलब्ध कराया था।

यूपी एटीएस (UP ATS) और पुलिस की टीम ने अलकायदा के गिरफ्तार आतंकी मिनहाज और मसीरुद्दीन के चार मददगारों को 14 जुलाई को गिरफ्तार किया। इनमें से शकील और मुस्तकीम को लखनऊ के वजीरगंज इलाके से दबोचा गया। वहीं, कानपुर से लईक और अफाक की गिरफ्तारी हुई।

इसके साथ ही अलकायदा के आतंकियों को हथियार मुहैया कराने में कानपुर से कनेक्शन सामने आया है। लखनऊ में यूपी एटीएस (UP ATS) के हत्थे चढ़े शकील ने पूछताछ में खुलासा किया कि कानपुर के आफाक और लईक ने आतंकियों को असलहा उपलब्ध कराया था।

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दिखावे के लिए ई-रिक्शा चलाने का काम करने वाले शकील ने असलहों का सौदा कानपुर में किया था। इसमें शकील ने बिचौलिये की भूमिका निभाई। मसीरूद्दीन और मिनहाज ने प्री-एक्टिवेटेड सिम भी कानपुर की रहमानी मार्केट से खरीदे थे।

वहीं, लईक को हिरासत में लेकर एटीएस उससे पूछताछ कर रही है, जबकि नेटवर्क का खुलासा होने के बाद गिरफ्तारी की आशंका में आफाक फरार हो गया है, जिसकी तलाश जारी है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों चमनगंज इलाके के रहने वाले हैं। लखनऊ में गिरफ्तार आतंकी मिनहाज और मुशीर ने पूछताछ में कानपुर के चमनगंज इलाके से पिस्टल और चाकू खरीदने की बात कबूल की थी।

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सूत्रों के मुताबिक, आफाक और लईक असलहों की तस्करी करते हैं। ये लोग बिहार के मुंगेर से असलहों की खेप कानपुर मंगवाते हैं। गिरोह में कई और लोग भी शामिल हैं। एटीएस की एक टीम कानपुर के चमनगंज पर भी निगाह बनाए हुए है। साथ ही अलकायदा कनेक्शन को लेकर लखनऊ, कानपुर, संभल समेत कई शहरों में ATS का सर्च ऑपरेशन जारी है।