Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

लातेहार: पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल सात नक्सली गिरफ्तार, लेवी के रूपए सहित अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद

झारखंड नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पलामू प्रमंडल के लातेहार पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। लातेहार जिले में बीते साल 22 नवम्बर को हुई चार पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल सात नक्सलियों (Naxals) को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से लेवी के पांच लाख रूपये, 303 बोर की 40 राउंड गोलियां, आठ चार्जर, पुलिस का लूटा गया कपड़ा, घटना में इस्तेमाल की गई तीन मोटरसाइकिल सहित अन्य आपतिजनक सामान बरामद किए गए हैं।

सांकेतिक तस्वीर।

पलामू रेंज के प्रभारी डीआईजी अमोल वी होमकर ने बताया कि गिरफ्तार नक्सलियों (Naxals) में भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर रविन्द्र गंझू के सहयोगी लुकइया जामुनगढ़ा के बैजनाथ गंझू, हेसला के बांझीटोला निवासी कुंवर गंझू और राजेश गंझू, लुकइया के सुनील गंझू, फगुनी गंझू, संजय गंझू और नरेश गंझू शामिल हैं। गिरफ्तार नक्सलियों के पास से चंदवा के ठेकेदार सोनू सिंह से वसूले गये पांच लाख रूपये, गोलियां, पुलिसकर्मियों के खून लगा कपड़ा, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, पासबुक, तीन मोटरसाइकिलें, पांच मोबाइल सेट, माओवादियों का हस्तलिखित पत्र बरामद किया गया है।

डीआईजी ने बताया कि लुकइया की घटना के बाद टीम बनाकर कार्रवाई की जा रही थी। इसी बीच कल गुप्त सूचना मिली कि माओवादी सबजोनल कमांडर रविन्द्र गंझू के तीन सहयोगी चंदवा में किसी ठिकेदार से लेवी वसूलने आने वाले हैं। सूचना पर चंदवा के पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी के नेतृत्व में छापमारी दल का गठन किया गया। इस दौरान पुलिस पार्टी जब सरोजनगर बुधबाजार स्थित शिव मंदिर के समीप पहुंची तो तीन मोटरसाइकिल सवार दिखे। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वे भागने लगे। जिसके बाद पुलिस द्वारा ओवरटेक कर उनकी मोटरसाइकिल रोकी गई और उन्हें दबोच लिया गया।

पढ़ें: नवादा में नक्सलियों का तांडव, मजदूरों के साथ मारपीट, जेसीबी और बोलेरो में लगाई आग

बाद में उनकी निशानदेही पर चार और नक्सलियों (Naxals) को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार नक्सलियों से पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने खुद को माओवादी सबजोनल कमांडर रविन्द्र गंझू का सहयोगी बताया और 22 नवम्बर को पुलिसकर्मियों पर हमला करने और उनकी हत्या करने की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार नक्सलियों ने बताया कि इस घटना को रविन्द्र गंझू के दस्ते ने अंजाम दिया था। इसमें छोटू खरवार, मनीष, बलराम, विमल, मृत्युंजय, नवीन, अमन, चंदन, नीरज, प्रदीप, बुधेश्वर, मुनेश्वर, सुदर्शन, नंदकिशोर, मनोहर, संदीप, राजू, विशेष कोरवा, नागेन्द्र, नेशनल, कारू, सोनु कोरवा, सुखदेव बृजिया, सौरभ, चन्द्रभान, दिनेश नगेशिया, कमलेश आदि शामिल थे। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार नक्सलियों ने बताया कि 22 नवम्बर की घटना को लेकर प्लानिंग पहले से की गई थी।

घटना के दिन तीन नक्सली (Naxals) लुकइया मोड़ की ओर पुलिस की आने-जाने वाहनों पर वॉकी टाकी से नजर रख रहे थे। जबकि रविन्द्र गंझू अपने दस्ते के पांच हथियारबंद सदस्यों के साथ लुकइया मोड़ के पास घात लगाकर बैठा था। बाकी लोग पुलिस के आने-जाने वाले रास्ते में घात लगाकर बैठे थे। रात के 8 बजे जैसे ही पुलिस की पीसीआर वैन लुकइया मोड़ पर आकर रूकी, घात लगाए नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसमें एक सहायक अवर निरीक्षक एवं तीन गृहरक्षकों की मौत हो गई। घटना के दौरान नक्सली पुलिसकर्मियों के हथियार लूटकर फरार हो गए। जिसके बाद योजना के अनुसार रविन्द्र गंझू ने सहयोग करने वाले नक्सलियों (Naxals) को पांच-पांच हजार रूपए दिए थे।

पढ़ें: एंटी नक्सल अभियानों में JAP जवानों की भूमिका महत्वपूर्ण: डीजीपी