बुद्धेश्वर उरांव (Buddheshwar Oraon) के मारे जाने से व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। लोगों का कहना है कि जब तक ये नक्सली इलाके में था, उनका व्यापार करना मुश्किल हो गया था। ठेकेदार डर की वजह से उसे लेवी पहुंचाते थे।
गुमला: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। इसी कड़ी में गुमला में गुरुवार को पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली और 15 लाख का इनामी नक्सली और सब जोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव मारा गया।
कौन था सब जोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव?
बुद्धेश्वर उरांव (Buddheshwar Oraon) नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का खूंखार नक्सली था। वह 2 दशकों से गुमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में दहशत का दूसरा नाम बन गया था।
नक्सलवाद को लेकर उसकी सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ कुल 80 मामले दर्ज थे, जिनमें से 64 मामले केवल गुमला में ही दर्ज हुए थे।
Jharkhand: सिमडेगा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, PLFI के 4 नक्सली गिरफ्तार
साल 2002 के बाद से उसके खिलाफ गुमला, सिमडेगा और लातेहार जिले के विभिन्न थानों में उग्रवादी हिंसा, हत्या, पुलिस पर जानलेवा हमला, बारूदी सुरंग विस्फोट, पुलिस मुठभेड़ समेत कई हिंसात्मक गतिविधियों के मामले दर्ज हुए। इसमें से 30 मामले केवल हत्या करने से ही जुड़े हुए हैं।
लेवी वसूलने के लिए लोगों को डराता था बुद्धेश्वर उरांव
बुद्धेश्वर उरांव के मारे जाने से व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। लोगों का कहना है कि जब तक ये नक्सली इलाके में था, उनका व्यापार करना मुश्किल हो गया था। ठेकेदार डर की वजह से उसे लेवी पहुंचाते थे।
जिले के एसपी हरदीप पी जनार्दन ने खूंखार नक्सली के मारे जाने की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बात कहने से इंकार कर दिया।