झारखंड के बोकारो जिले के पेंक थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित ऊपरघाट एवं गोमिया थाना क्षेत्र के झुमरा पहाड़ में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी एक बार फिर से संगठन को आर्थिक रूप से मजबूत करने की फिराक में जुट गए हैं। जिला के नक्सल प्रभावित ऊपरघाट में नक्सलियों (Naxalites) ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। इन क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों सहित अन्य योजनाओं से संचालित होने वाले ठेका कार्यों और खासमहल परियोजना से लेवी की वसूली कर संगठन को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके।
नक्सली गतिविधियों की पुष्टि करते हुए पेंक थाना प्रभारी कार्तिक महतो ने कहा कि ऊपरघाट के कुड़ी पलामू के जंगल में नक्सलियों (Naxals) के जुटने की सूचना मिली थी। थाना प्रभारी के मुताबिक, नक्सली संगठन अब अपने खात्मे के कागार पर हैं। नक्सलियों की मंशा को कभी भी पूरा नहीं होने दिया जाएगा। कुड़ी के जंगलों में छापेमारी अभियान शुरू कर दिया गया है।
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इसके अलावा नक्सलियों (Naxalites) को पनाह देने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है। कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते लागू हुए लॉकडाउन (Lockdown) में नक्सलियों को लेवी नहीं मिल पा रही है। इस स्थिति ने नक्सलियों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नक्सली जोनल कमांडर रणविजय महतो को ऊपरघाट सहित झुमरा पहाड़ में संगठन को मजबूत करने का जिम्मा मिला है।
इस समय नक्सली संगठन (Naxal Organizations) को फिर से आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए नक्सलियों (Naxalites) के सामने बड़ी चुनौती है। सूत्रों की मानें तो नक्सली कमांडर रणविजय अपने दस्ते के साथ सियारी होते कुड़ी के जंगल में रात को पहुंचा था, जिसकी सूचना पेंक पुलिस को लग गई। पेंक थाना प्रभारी कार्तिक महतो के नेतृत्व में छापेमारी शुरु कर दिया गया। पंद्रह लाख का इनामी नक्सली जोनल कमांडर रणविजय उर्फ रंजय चंद्रपुरा प्रखंड का रहने वाला है।
उधर, झुमरा पहाड़ में सक्रिय 15 लाख का इनामी नक्सली कमांडर संतोष महतो फिलहाल शुगर, प्रेसर, घुटने के दर्द आदि कई बीमारियों से ग्रसित है। जिसकी देखभाल उसकी पत्नी सह महिला नक्सली कमांडर सुनीता ऊर्फ कौशल्या कर रही है। यही कारण है नक्सली जोनल कमांडर रणविजय को ऊपरघाट सहित झुमरा पहाड़ में संगठन को फिर से मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसकी सूचना खुफिया विभाग ने अपने आला अधिकारियों को भेजी है।