जब आप झारखंड पुलिस की वेबसाइट पर जाएंगे तो इस कुख्यात का परिचय आपको मिल जाएगा। महाराज प्रमाणिक उर्फ कंचन तुरी उर्फ राजू तुरी इसके नाम कई हैं पर दहशतगर्द का चेहरा एक। वेबसाइट के मुताबिक यह एक खतरनाक नक्सली है, जो हिंसा के मामले में वांछित है। इससे पहले कि हम इस नक्सली की काली करतूतों के बारे में आपको बताएं। आप यह जरूरी फोन नंबर नोट कर लें ताकि इसके बारे में कोई भी जानकारी मिलने पर आप पुलिस को बता सकें-
9431706127
9431706135
9431706529
9771400461
याद रखें कि झारखंड पुलिस की तरफ से साफ कहा गया है कि इस कुख्यात के बारे में सूचना देने वाले का नाम और पहचान गोपनीय रखा जाएगा तथा उसे उचित इनाम भी दिया जाएगा।
बहरहाल, अब जरा गौर फरमाइए कि कैसे एक अपराधी नक्सली बनकर आज पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। 29 अप्रैल, 2009 को झारखंड के सरायकेला में एक शख्स से मोबाइल फोन और 5 हजार रुपए की लूट हुई थी। उस वक्त महाराज प्रमाणिक का नाम पहली बार एक लुटेरे के तौर पर पुलिस की फाइल में दर्ज हुआ था। उस वक्त महाराज प्रमाणिक के दोस्तों ने उससे कहा कि हजार, दो हजार के लिए उन्हें अपराध करना पड़ता है। महाराज प्रमाणिक कुछ बड़ा करना चाहता था और उस वक्त कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन का आतंक काफी था। जब प्रमाणिक को पता चला कि कुंदन बड़ी-बड़ी कंपनियों से लेवी वसूलते हैं तो माओवादियों से जा मिला। ‘लाल आतंक’ की शरण में आते ही प्रमाणिक अब पहले से ज्यादा खूंखार हो गया। उसने सीआरपीएफ के अफसर हमला किया और कांग्रेस के चांडिल प्रखंड अध्यक्ष को भी मारा।
माओवादी संगठन में उसकी पैठ का नतीजा यह हुआ कि उसके आकाओं ने उसे सब जोनल कमांडर के पद से नवाज दिया। इधर पुलिस की फाइलों में भी एक मामूली अपराधी 10 लाख का इनामी नक्सली बन गया। आज झारखंड राज्य के कोल्हान प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले जिले- खरसावां, घाटशिला, चाईबासा के क्षेत्र में इस इनामी नक्सली की तूती बोलती है क्योंकि उसने इन जिलों के सुदूर गांवों में कोहराम मचा रखा है। महाराज प्रमाणिक भोले-भाले आदिवासी परिवार के नवयुवकों को भटकाकर अपने झांसे में लेता है और फिर उन्हें नक्सली संगठन में शामिल करने का घिनौना काम भी करता है।
सरायकेला जिले के ईचागढ़ थाना क्षेत्र के दारूदा गांव का रहने वाला महाराज प्रमाणिक कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दे चुका है। हालांकि, पुलिस ने प्रमाणिक के कई अहम साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। कई बार तो प्रमाणिक का सामना भी पुलिस की गोलियों से हुआ लेकिन हर बार वो किसी ना किसी तरह मुठभेड़ से बच निकला। लेकिन अब प्रमाणिक के दिन लदने वाले हैं क्योंकि सुरक्षाबलों ने इस दहशतगर्द के खात्मे की पूरी तैयारी कर ली है।
यह भी पढ़ें: बड़ी तबाही मचाने के चक्कर में थे नक्सली, सुरक्षाबलों ने साजिश किया नाकाम