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अपनी खत्म हो चुकी साख को पुनर्जीवित करने की रणनीति बना रहे नक्सली

भाकपा माओवादी संगठन के नक्सली किसी बड़े हमले की फिराक में हैं।

नक्सली संगठन 21 से 28 सितंबर तक अपनी स्थापना सप्ताह मना रहा है। इस दौरान हमला कर वे इलाके से समाप्त हो चुके अपनी शाख को वापस खड़ा करने की रणनीति बना रहा है। भाकपा माओवादी संगठन के नक्सली किसी बड़े हमले की फिराक में हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, माओवादियों के हिरावल दस्ते को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। झारखंड के गिरीडीह से लेकर जमुई-मुंगेर-बांका सीमा तक फैले जंगल क्षेत्र चरका पत्थल, दुधपनियां और सोनो जंगल में तीन टुकडियों में हिरावल दस्ते के पहुंचने की सूचना है।

इस सूचना के बाद से नक्सल प्रभावित भागलपुर के बाथ, शाहकुंड, बांका के कटोरिया, बेलहर और मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगड़िया जिले में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, 19 सितंबर को औरंगाबाद जिले से पकड़े गए दो नक्सलियों से कई चौकाने वाली जानकारियां मिली हैं। उनके पास से संगठन के स्थापना दिवस को लेकर काफी पर्चे भी मिले हैं।

अपना प्रभाव खो चुके माओवादी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पुलिस के गश्ती दल, महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों के अलावा रेलवे स्टेशन, पटरी, पुल-पुलिया आदि को निशाना बना सकते हैं। खुफिया विभाग ने नक्सल प्रभावित जिलों के जिलाधिकारी और एसपी को सतर्क कर दिया है। नक्सलियों के इस नापाक मंसूबे पर पानी फेरने के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में जिला पुलिस बल, बिहार सैन्य पुलिस बल और मौजूद अर्धसैनिक बल की कंपनियों को अलर्ट कर दिया गया है।

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