EXCLUSIVE: झारखंड में विधानसभा चुनाव (JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION) के दौरान नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। जी हां, सिर्फ सच की टीम को Exclusive जानकारी मिली है कि साजिश को अंजाम देने के लिए नक्सलियों ने यहां अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। आपको बता दें कि झारखंड में अगले 3 महीनों में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है जिसको लेकर नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति झारखंड के विभिन्न जिलों में बढ़ा दी है। इसका मुख्य मकसद चुनाव में बाधा पहुंचाना है।
सूत्रों से मिली सूचना के मुताबिक नक्सली और उग्रवादी संगठन हर हाल में मौजूदा सरकार को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 5 वर्षों में नक्सलियों और उग्रवादियों को वर्तमान सरकार द्वारा नेस्तनाबूद करने की मुहिम चलाई गई है। इस मुहिम के चलते कई नक्सली सरगना सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। नक्सली मौके का फायदा उठाकर JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION के बहिष्कार, ग्रामीण क्षेत्रों में वोट बहिष्कार के साथ-साथ पुलिस एवं नेताओं को जान से मारने अथवा बम विस्फोट कर दहशत फैलाना चाहते हैं। सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के जंगली इलाकों में नक्सलियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है तथा पहाड़ी इलाके में हार्डकोर नक्सलियों का जमावड़ा लगना भी शुरू हो गया है।
सूत्रों के अनुसार नक्सलियों के निशाने पर सुरक्षाबलों के साथ-साथ उनके कैंप आने-जाने का रूट तथा अन्य जगह हैं। ऐसी आशंका जताई जा रहा है कि मतदान चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए नक्सलवादी बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। नक्सलियों का अलग-अलग दस्ता विभिन्न जगहों पर हमला या हिंसा की तैयारी में लगा हुआ है। इसकी आहट भी मिलनी शुरू हो गई है। इस बार नक्सलियों द्वारा सरायकेला जिले के कुचाई दलबंगा, खूंटी के अड़की और रांची के तमाड़ थाना क्षेत्र से सटे इलाकों में चुनाव बहिष्कार की घोषणा की आशंका है। इसी इलाके में रायसिंदरी और जमरो पहाड़ी भी है इन इलाकों में कई नक्सली और उनका दस्ता अपना ठिकाना बनाए हुए हैं।
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चाईबासा के सारंडा जंगल नक्सलियों का दूसरा सबसे बड़ा सेफ जोन बताया जाता है। बताया जा रहा है कि इन राज्यों में 11 करोड़ के चार इनामी नक्सली किशन का, प्रशांत बोस, अनमोल उर्फ समर मिसिर और वसीम मंडल उर्फ आकाश के दस्ते का जमवाड़ा है। गौरतलब है कि रांची खूंटी और सरायकेला जिले से सटे नक्सलियों के ठिकाने पर झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ संयुक्त कार्रवाई करेगी इसका खाका भी तैयार हो चुका है। झारखंड के गढ़वा, लातेहार एवं गुमला के सीमावर्ती क्षेत्रों में विमल यादव और बुलेश्वर यादव का दस्ता सक्रिय है।
चाईबासा सरायकेला छोटा नागपुर में माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य एवं एक करोड़ का इनामी किशन उर्फ प्रशांत बोस, समर जी, चमन उर्फ लंबू , सुरेश उर्फ जीवन और महाराजा प्रमाणिक का दस्ता है। गिरिडीह, जमुआ नवादा बॉर्डर पर सेक सदस्य एवं सिंधु कोड़ा का दस्ता सक्रिय है। हजारीबाग चतरा गया बॉर्डर पर माओवादी रीजनल कमेटी सदस्य इंदु और आलोक का दस्ता सक्रिय है। बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और जागेश्वर बिहार थाना के क्षेत्र में एक करोड़ के इनामी माओवादी नेता मिथिलेश सिंह का दस्ता सक्रिय है। औरंगाबाद गया चतरा बॉर्डर पर एक सदस्य संदीप का दस्ता के साथ साथ संजीत और विवेक का दस्ता सक्रिय है।
पुलिस के निशान पर हैं यह नक्सली:
- संतोष उर्फ विश्वनाथ-सैक सदस्य- 25 लाख का इनामी
- उमेश यादव उर्फ विमल- सैक सदस्य – 25 लाख इनामी
- सौरभ यादव मारकस बाबा- सैक सदस्य, 25 लाख का इनामी
- नवीन उर्फ सर्वजीत यादव- 15 लाख इनामी
- मृत्युंजय जी उर्फ फ्रेश भुईंया-जोनल कमांडर, 10 लाख इनामी
- भवानी उर्फ सुजाता- जोनल कमांडर, 10 लाख इनामी
बताते चलें कि झारखंड और पश्चिम बंगाल सीमा पर मदन महतो तथा रामप्रसाद मरांडी उर्फ सचिन शासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। इन दोनों पर 15-15 लाख का इनाम रखा गया है। अगर बात झारखंड-ओडिशा बॉर्डर की करें तो लालचंद हेंब्रम उर्फ अनमोल- सैक सदस्य, 25 लाख इनामी, चमन उर्फ लंबू- सैक सदस्य, 25 लाख इनामी, मोछू उर्फ मेहनत- आरसीएम, 25 लाख इनामी, गुलशन सिंह मुंडा उर्फ सुभाष मुंडा- एसजेडएम, 05 लाख इनामी नक्सली प्रशासन के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।
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