जैसै-जैसै घाटी में हालात सामान्य हो रहे हैं, वैसे-वैसे बौखलाए आतंकी संगठन भी अशांति फैलाने के लिए हर पैंतरे अपनाने में लगे हुए हैं। आतंकी संगठन अब एक-साथ मिलकर खून-खराबे की साजिश रच रहे हैं। एक ओर सुरक्षाबल उनकी हर नापाक साजिश को नाकाम बना रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान में बैठे हैंडलर हिंसा फैलाने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए लश्कर, जैश और हिजबुल एक साथ मिलकर घाटी में खून खराबा करने की साजिश को अंजाम देने के लिए पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। इतना ही नहीं, सांप्रदायिक हिंसा की भी साजिश रची जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, लश्कर, जैश और हिज्ब के कश्मीर में सक्रिय प्रमुख कमांडरों की एक बैठक तीन दिन पहले ही दक्षिण कश्मीर में हुई है। इसमें हिज्ब का ऑपरेशनल कमांडर मोहम्मद बिन कासिम और दक्षिण कश्मीर में हिज्ब का मुखौटा बने रियाज नायकू शामिल हुआ था। सूत्रों के अनुसार, बैठक में आतंकी सरगना इस बात से खीझे हुए थे कि वादी में आम जनता उनकी बातों की अवहेलना कर रही है। हालात हाथ से निकलते देख उन्होंने हिंसा की साजिश रची है। साजिश के तहत हिज्ब वादी के विभिन्न हिस्सों में पंच-सरपंचों और स्थानीय निकायों से जुड़े लोगों को निशाना बनाते हुए उनमें खौफ पैदा करेगा।
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आम लोगों में खौफ पैदा करने के लिए जबरन बंद कराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर दूसरे आतंकी संगठनों की भी इसमें मदद लेगा। इसके अलावा बैठक में वादी में एसपीओ, पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों के खिलाफ हमले तेज करने की भी साजिश रची गई है। इन आतंकी संगठनों ने साजिश रची है कि हाईवे और सीमांत इलाकों में लश्कर-ए-तैयबा सुरक्षाबलों के काफिलों, कुछ खास वर्गों को निशाना बना सांप्रदायिक हिंसा भड़काई जाएगी। जैश-ए-मोहम्मद कुछ खास लोगों के अलावा सुरक्षा शिविरों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आत्मघाती हमले करेगा। इसमें वह विदेशी और स्थानीय कैडरों को शामिल रहेगा।
हमलों के लिए हिज्ब और लश्कर स्थानीय कैडर की मदद से लॉजिस्टिक सपोर्ट देगा। आतंकी संगठन वादी समेत पूरी रियासत में दहशत पैदा करने के लिए भीड़ भरे इलाकों में ग्रेनेड हमले के अलावा वाहन बम और आइईडी के जरिए बड़े पैमाने पर हानि का मंसूबा बना रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों द्वारा रची जा रही साजिश के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने भी अपनी रणनीति में व्यापक बदलाव किया है। सुरक्षाबलों ने भी आतंकियों को उनकी मांद में ही मार गिराने के लिए आतंकरोधी अभियान तेज कर दिए हैं। इसके अलावा हाईवे और अन्य संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को बढ़ाने के अलावा पंच-सरपंचों की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया है।
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