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जम्मू-कश्मीर पुलिस की बढ़ेगी ताकत, आतंकवाद-पत्थरबाजी पर नकेल कसने की तैयारी

पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से होने वाली गोलीबारी के दौरान पश्चिम सीमांतवासियों को सुरक्षित निकालने, आतंकवाद और प्रदर्शन व कानून व्यवस्था को लेकर निगरानी आदि की बाबत जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पुलिस को बेहद मजबूत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री डेवलपमेंट पैकेज के तहत इन कार्यों पर करीब 116 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पुलिस ई-टेंडरिंग के जरिए खरीदे जाने वाली बुलेट रेजिस्टेंट एंबुलेंस को जम्मू, सांबा, कठुआ के अलावा राजौरी व उनके सरहदी इलाकों में इस्तेमाल की जाएगी। ड्रोन यानि यूएवी, सीसीटीवी खरीदी जा रहे हैं। बल्कि राज्य पुलिस लीज पर हेलीकॉप्टर भी लेगी। जिसका इस्तेमाल किसी भी आपातकालीन स्थिति में किया जा सकेगा। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में भारत पाक सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से जब तब बिना उकसावे की गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जाता है। कई बार सीमांतवासी इस गोलीबारी में बुरी तरह घिर जाते हैं। सरहद से सटे कई स्कूलों पर भी पाकिस्तानी गोलीबारी होती है। ऐसी स्थिति में बुलेट रेजिस्टेंट एंबुलेंस का इस्तेमाल होगा। अभी तक ऐसी एंबुलेंस सेना और बीएसएफ की मदद से मिलती है।

सरहद पार से लगातार आतंकियों की घुसपैठ का दबाव भी बना रहता है। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) सरहद का एक बड़ा हिस्सा जंगलों, खाईयों, नदियों और गड्ढों से पटा है। ऐसी जगह भी राज्य पुलिस अब आतंकियों पर विशेषकर मुठभेड़ के दौरान निगरानी रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी का प्रयोग करेगी।

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प्रदेश पुलिस विभिन्न विशेषताओं के 100 से ज्यादा ड्रोन और हजारों की तादाद में सीसीटीवी खरीद रही है। खरीद का काम 1 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। सीसीटीवी को लगाने यानी निपटान का काम पुलिस के एसडीपीओ पर निर्भर होगा। जिसे लेकर इन उपकरणों के विशेषज्ञ पुलिस अफसरों को जल्द प्रशिक्षित करेंगे।

ड्रोन और सीसीटीवी का इस्तेमाल प्रदेश में होने वाले प्रदर्शनों के दौरान कानून व्यवस्था के मद्देनजर किया जाएगा। करीब 116 करोड रुपए के खर्च वाला यह सारा काम प्रधानमंत्री डेवलपमेंट पैकेज के तहत पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए मंजूर की गई 5000 करोड़ की राशि में से किया जाएगा।