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भारत ने चीन को याद दिलाई समझौते की शर्तें, ‘टकराव वाले सभी इलाकों से अपने भी सैनिकों को हटाये ड्रैगन’

भारत ने चीन से कहा है कि जवानों की पूर्ण वापसी की योजना पर अमल करने के लिए ये बेहद जरूरी है कि टकराव वाले सभी जगहों से दोनों देश (India China) के जवानों को पूरी तरह से हटाया जाए। इतना ही नहीं, दोनों देशों ने किसी भी मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक हॉटलाइन कनेक्शन सिस्टम तैयार करने पर भी सहमति जताई है। 

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गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भारत-चीन (India China) की सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से जवानों और साजो-सामान को पीछे हटाने की प्रक्रिया संपन्न की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनके चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बृहस्पतिवार को 75 मिनट तक टेलीफोन पर हुई बातचीत की जानकारी शेयर करते हुए विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि चीन से कहा गया है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पिछले साल से गंभीर असर पड़ा है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, एस जयशंकर ने कहा कि सीमा संबंधी प्रश्न को सुलझाने में समय लग सकता है लेकिन हिंसा होने और शांति व सौहार्द बिगड़ने से संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों (India China) के विदेश मंत्री लगातार संपर्क में रहते हैं और एक हॉटलाइन स्थापित करने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात और भारत-चीन के बीच समग्र संबंधों को लेकर चर्चा की।

सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताह टॉप कमांडर के बीच 10वें दौर की बातचीत के दौरान इलाके में तनाव कम करने के लिए भारत ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग से जवानों को पीछे हटाने पर जोर दिया।

भारतीय विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष वांग से कहा कि गतिरोध वाले सभी स्थानों से जवानों को हटाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों देश विवादित इलाके से जवानों की पूर्ण वापसी और अमन-चैन बहाली की दिशा में काम कर सकते हैं।