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भारत में बड़े आतंकी हमले की साजिश में था आईएस का खुरासन ग्रुप

आईएस- खुरासान ने रची थी भारत में हमले की साजिश
आतंकवाद से निपटने के सार्थक प्रयास नहीं नजर आते : भारत (India)
आईएस-खुरासान अमेरिका के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह

 

आईएस के खुरासान समूह उर्फ आईएस-के ने पिछले साल भारत (India) में आत्मघाती हमले की साजिश रची थी। अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र के कार्यकारी निदेशक रसल ट्रैवर्स ने मंगलवार को कहा कि आईएस की सभी शाखाओं में से आईएस-के वह संगठन है, जो अमेरिका के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह है।

भारतीय मूल की सांसद मैगी हसन के एक सवाल के जवाब में ट्रैवर्स ने कहा, आईएस की शाखाओं एवं नेटवर्क में से, आईएस-के निश्चित तौर पर सबसे ज्यादा चिंतित करने वाला संगठन है। मैगी द्वारा क्षेत्र में आतंकी हमलों को अंजाम देने की आईएस-के की क्षमता के बारे में पूछे जाने पर ट्रैवर्स ने कहा, संगठन अफगानिस्तान के बाहर हमले करने के लिए उकसाता है। उसने पिछले साल भारत (India) में आत्मघाती हमला करने की साजिश रची थी, जो नाकाम हो गई।

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हसन ने पिछले महीने अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में आईएस से संबद्ध संगठन आईएस-के के तेजी से बढ़ रहे खतरों को लेकर अमेरिकी सेना की चिंताओं को सुना। उन्होंने कहा, मैंने स्पष्ट तौर पर सुना कि आईएस-के अफगानिस्तान में न सिर्फ अमेरिकी बलों के लिए खतरा है, बल्कि अमेरिका पर हमला करने की भी साजिश रचता है। पिछले हफ्ते ट्रैवर्स ने कहा था कि दुनियाभर में आईएस की 20 से ज्यादा शाखाएं हैं, जिनमें से कुछ संगठन हमलों को अंजाम देने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं।

भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि आतंकवाद के मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे बुरे रूप में उभरने के बावजूद इस बुराई से निपटने के सार्थक संग्रहित प्रयास नदारद हैं। साथ ही नई दिल्ली ने आतंकवादियों को पनाहगाह उपलब्ध नहीं होने देने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वालों को प्रत्यर्पित करने के लिए राष्ट्रों के बीच समन्वयन पर जोर दिया। ‘‘रिपोर्ट ऑफ द ह्यूमन राइट्स काउंसिल’ पर विश्व निकाय की महासभा के सत्र में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई उपप्रतिनिधि के. नागराज नायडू ने कहा, भारत संतुलित दृष्टिकोण का पक्ष लेने की परिषद की भूमिका की सराहना करता है जो मानवाधिकारों पर आतंकवाद के असर को समझती है और आतंकवाद के इस खतरे से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समन्वयन का समर्थन करती है।