भारत अमेरिका से 30 सशस्त्र ‘प्रीडेटर’ ड्रोन (MQ-9B) खरीदने के लिए लंबे समय से चल रहे प्रस्ताव को अंतिम रूप देने को तैयार है। तीनों सेनाओं के लिए खरीदे जाने वाले इन ड्रोन पर करीब बाईस हजार करोड़ रुपए का अनुमानित खर्च होगा। भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने इन ड्रोन की खरीद के लिए प्रस्ताव किया था और तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन मिलने की संभावना है।
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भारतीय सशस्त्र बल पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध और जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले के बाद ऐसे हथियारों की खरीद पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस MQ–9B ड्रोन खरीदने के प्रस्ताव को रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) द्वारा अगले कुछ हफ्तों में मंजूरी दिए जाने की संभावना है। उसके बाद प्रस्ताव सुरक्षा मामलों की प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी के सामने रखा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, कीमत और हथियार पैकेज सहित खरीद से जुड़े तमाम प्रमुख पहलुओं को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है और चालू वित्त वर्ष तक अमेरिका के साथ मेगा-डीस पर मुहर लगने की तैयारी है।
भारतीय नौसेना के सूत्रों के मुताबिक, यह प्रस्ताव शीघ्र ही में डीएसी के सामने रखा जाएगा। एक कार्यक्रम में नौसेना (Indian Navy) अधिकारी ने बताया कि खरीद प्रक्रिया का पूरा प्रयास यह है कि हम बहुत ही संतुलित निर्णय लेते हैं और इसलिए सभी पक्षों की राय ली जाती है। प्रक्रिया जारी है और हम इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं। इसे जल्दी ही डीएसी के सामने रखा जायेगा।
अमेरिका ने 2019 में भारत को सशस्त्र ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दी थी और एकीकृत वायु व मिसाइल रक्षा प्रणालियों की भी पेशकश की थी।गौरतलब है कि पिछले साल भारतीय नौसेना (Indian Navy) को मुख्य रूप से हिंद महासागर इलाके में निगरानी के लिए अमेरिका से दो ‘प्रीडेटर’ ड्रोन पट्टे पर मिले थे। गैर–हथियार वाले दो MQ–9B ड्रोन एक वर्ष के लिए पट्टे पर दिए गए थे और उसकी अवधि को एक और वर्ष बढ़ाने का विकल्प था।
भारत ने पिछले साल फरवरी में नौसेना (Indian Navy) के लिए अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 24 MH–60 रोमियो हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए अमेरिका के साथ 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर की डील किया था। उन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति शुरू हो गई है।
अमेरिकी रक्षा कंपनी जनरल एटॉमिक्स द्वारा निर्मित रिमोट संचालित MQ–9B ड्रोन करीब 35 घंटे तक हवा में रहने में माहिर हैं। इसे निगरानी‚ खुफिया जानकारी जुटाने और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने सहित कई मकसदों के लिए तैनात किया जा सकता है। ‘प्रीडेटर’ ड्रोन को लंबे समय तक हवा में रहने और ऊंचाई वाले क्षेत्रों की निगरानी के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है।