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Indian Army की वर्दी के लिए अब सूरत में तैयार होंगे कपड़े, सेना ने दिया 10 लाख मीटर डिफेंस फैब्रिक तैयार करने का पहला ऑर्डर

भारतीय सेना (Indian Army) और पुलिस (Police) के लगभग 50 लाख से ज्यादा जवानों के लिए हर साल 5 करोड़ मीटर कपड़ा लगता है।

भारतीय सेना (Indian Army) के लिए स्वदेशी उत्पाद बढ़ाने की ओर एक और कदम बढ़ाया गया है। गुजरात के सूरत शहर में सेना की वर्दी के लिए खास कपड़ा बनाया जा रहा है। फौज की वर्दी, जूते, पैराशूट, बैग और बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने का जो कपड़ा (डिफेंस फैब्रिक) हम अभी दूसरे देशों से मंगवाते थे, वो भी अब सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बन रहा है।

डिफेंस फैब्रिक यहां डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ही तैयार किया जा रहा है। सेना (Indian Army) ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है। जानकारी के अनुसार, यहां सेना से 10 लाख मीटर डिफेंस फैब्रिक तैयार करने का पहला ऑर्डर भी मिल गया है। बता दें कि अभी तक डिफेंस फैब्रिक को चीन, ताइवान या कोरिया से मंगाए जाते थे।

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जानकारी के मुताबिक, सेना के लिए डिफेंस फैब्रिक के निर्माण को लेकर सूरत के कपड़ा उद्यमियों की डीआरडीओ (DRDO) एवं सीआईआई (CII) के दक्षिण गुजरात संगठन के पदाधिकारियों से सितंबर में वर्चुअल बैठक हुई थी। जहां लक्ष्मीपति समूह के एमडी संजय सरावगी ने कहा था कि वे डीआरडीओ (DRDO) की गाइडलाइन पर यह कपड़ा तैयार कराएंगे।

दिवाली से पहले ही डिफेंस फैब्रिक का सैंपल टेस्टिंग के लिए भेज दिया गया था। फिर सेना के अप्रूवल मिलने के बाद 5-7 बड़े उत्पादकों की मदद से डिफेंस फैब्रिक बनाने पर काम शुरू कर दिया गया। बताया जा रहा है कि तय सौदे के मुताबिक यह अगले दो महीनों में तैयार कर देना है। इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आत्मनिर्भर भारत कैंपेन से जोड़कर देखा जा रहा है।

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समय की मांग और महंगाई को देखते हुए डीआरडीओ (DRDO) भी स्वदेशी चीजें विकसित करने पर जोर दे रहा है। इसी प्रयास के तहत सूरत की टेक्सटाइल मिल को डिफेंस फैब्रिक निर्माण का पहला ऑर्डर मिला है। गौरतलब है कि भारतीय सेना (Indian Army) और पुलिस के लगभग 50 लाख से ज्यादा जवानों के लिए हर साल 5 करोड़ मीटर कपड़ा लगता है। सूरत में तैयार हो रहे इन खास कपड़ों से यह जरूरत काफी हद तक पूरी हो जाएगी।