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कश्मीर: गुरेज सेक्टर में 23 लड़कों को हथियार उठाने के लिए किया गया था मजबूर, सेना की मदद से हुई थी ‘घर वापसी’

Yogesh Kumar Joshi

सेना (Indian Army) के उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ योगेश कुमार जोशी ने कहा कि सेना (Indian Army) जान बचाने के लिए है, जान लेने के लिए नहीं।

कश्मीर (Kashmir) के गुरेज सेक्टर में 23 लड़कों को हथियार उठाने के लिए मजबूर किया गया था। लेकिन सेना (Indian Army) ने उन्हें बचा लिया था। सेना ने इन 23 लड़कों की घर वापसी की 23वीं वर्षगांठ मनाई। 23 अगस्त को मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में एक समारोह आयोजित किया गया था।

इस मौके पर सेना (Indian Army) के उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ योगेश कुमार जोशी ने कहा कि सेना (Indian Army) जान बचाने के लिए है, जान लेने के लिए नहीं। मुठभेड़ के दौरान आतंकियों को समर्पण करने का मौका देती है। जो आतंकी गलतियों को स्वीकार करने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं, उनका स्वागत किया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों में नए भर्ती हुए आतंकियों को उनका संदेश यह है कि अगर वे अपनी गलती स्वीकार करने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं, तो उनका खुले हाथों से स्वागत किया जाएगा। हम आतंकवाद विरोधी अभियानों के बीच भी उनके आत्मसमर्पण की सुविधा प्रदान करेंगे। हम यहां जान बचाने के लिए हैं न कि जान लेने के लिए।

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समारोह को संबोधित करते हुए जोशी ने कहा कि सेना आज 23 लड़कों की घर वापसी की 23वीं वर्षगांठ मना रही है। कश्मीर के गुरेज सेक्टर में इन लड़कों को हथियार उठाने के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन सेना ने उन्हें बचा लिया था और बाद में उनके परिवारों को सौंप दिया। सेना अधिकारी ने कहा कि मुझे खुशी है कि ये 23 लोग अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं।