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चीन बॉर्डर पर होगा भारतीय सेना और वायुसेना का बड़ा युद्धाभ्यास

भारतीय सेना और वायुसेना अक्टूबर में करने वाली है एक बड़ा युद्ध अभ्यास।

भारत सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है। अपने जवानों को युद्ध की स्थिति में और अधिक सक्षम बनाने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) और वायुसेना (Indian Air force) चीन के बॉर्डर से पास अक्टूबर में एक बड़ा युद्ध अभ्यास करने वाली है। चीन बॉर्डर पर अरुणाचल प्रदेश में वायु सेना के साथ यह पहला युद्ध अभ्यास होगा। भारतीय सेना की एकमात्र माउंटेन स्ट्राइक कोर के 5,000 से अधिक जवान इस युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगे। सेना के एक सूत्र के मुताबिक, तेजपुर स्थित 4 कोर को हाई अल्टीट्यूड पर अपनी सेना की रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा। जबकि 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर के 2500 जवानों को एयर फोर्स एयरलिफ्ट करेगी। स्ट्राइक कोर के जवान युद्धाभ्यास में 4 कोर के जवानों पर हवाई हमले करेंगे।

युद्धाभ्यास में एयरफोर्स अपने हाईटेक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-17, सी-130 सुपर हरक्युलिस और एएन-32 का इस्तेमाल करेगी। इन विमानों से जवानों को एयरलिफ्ट किया जाएगा। ये विमान बंगाल के बागडोगरा से जवानों को एयरलिफ्ट कर अरुणाचल प्रदेश के ‘वॉर जोन’ में उतारेंगे। युद्धाभ्यास को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की देखरेख में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स (IBG) बनाए जाएंगे। गौरतलब है कि सीमा पर सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय सेना पाकिस्तान बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (IBG) तैनात करने की तैयारी में है। रक्षा मंत्रालय की ओर से भी इसकी मंजूरी मिल गयी है।

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इस साल के अंत तक भारतीय सेना 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच अपने पहले IBG को तैनात करने के लिए तैयार है। जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने 11वीं वाहिनी के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है, जो हिमाचल प्रदेश के योल में स्थित है। मंत्रालय के अनुसार, योल स्थित सेना की 11वीं वाहिनी से IBG का गठन कर उसे पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा। गौरतलब है कि साल 2009 में गठित सेना की 11वीं वाहिनी उसकी सबसे युवा टुकड़ियों में से एक है। यह हरियाणा के चंडीमंदिर स्थित सेना के पश्चिमी कमान का अंग भी है। पाकिस्तान की नापाक हरकतों को नाकाम करने के लिए ही IBG बनाया गया है।

यह सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन है और जनरल रावत इसके प्रमुख प्रस्तावक हैं। IBG का लक्ष्य सेना के विभिन्न प्रभागों को एक नये समूह में शमिल करना है। इसमें तोप, टैंक, वायु रक्षा एवं साजो-सामान शामिल होंगे। इसे जंग के लिए पूरी तरह से तैयार इकाई बनाने की संभावना है। यह सेना की पुरानी लड़ाई के तरीकों से कुछ अलग होगी। युद्ध जैसे हालात में दुश्मनों से निपटने के लिए IBG काफी कारगर होगी। प्रत्येक इंटीग्रेटिड बैटल ग्रुप्स में कम से कम तीन ब्रिगेड शामिल होंगे। IBG औसतन छोटा होगा और लड़ाई के लिए आवश्यक सभी हथियार और सैनिकों से लैस होगा। इसके पास वायु शक्ति, तोपखाने आदि होंगे।

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